रायपुर। सराफा कारोबारी आभूषणों में लागू होने वाली हालमार्किंग की अनिवार्यता अभी लागू नहीं करवाना चाहते। इसके लिए कारोबारियों द्वारा प्रधानमंत्री को भी पत्र लिखा गया है और मांग की गई है कि अभी हालमार्किंग की अनिवार्यता को स्थगित किया जाए।
रायपुर सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष हरख मालू ने बताया कि पत्र में कहा गया है कि अभी एक बार फिर से कोरोना का प्रभाव बढ़ते जा रहा है। इसके कारण व्यवसाय फिर से प्रभावित होने लगा है। ऐसी स्थित में अभी हालमार्किंग की अनिवायर्ता को स्थगित किया जाए। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि इस साल एक जून ने आभूषणों में हालमार्क अनिवार्य होगा।
हालमार्किंग की सुविधा नहीं है
भले ही सरकार ने हालमार्किंग की अनिवार्यता की घोषणा कर दी है,लेकिन सराफा कारोबारियों का कहना है कि अभी तक हालमार्किंग की सुविधा सभी स्थानों में नहीं है। छत्तीसगढ़ की बात की जाए तो केवल रायपुर,बिलासपुर व दुर्ग मिलाकर करीब छह हालामार्किंग सेंटर है और इन छह सेंटरों के माध्यम से प्रदेश भर के 55 सौ से अधिक सराफा कारोबारियों को हालमार्किंग करवानी पड़ती है। जबकि कारोबारी दूर-दूर से आते है।
20 कैरेट को हालमार्किंग की मिले मान्यता
सराफा कारोबारियों का कहना है कि इसके साथ ही सरकार को चाहिए कि 20 कैरेट की ज्वेलरी को हालमार्किंग की मान्यता दी जाए। बाजार में 20 कैरेट की ज्वेलरी को ही काफी पसंद किया जाता है। 20 कैरेट के आभूषण मजबूत होने के साथ ही लोगों के बजट में भी आते है। इसके कारण ही काफी पसंद किए जाते हैं। 20 कैरेट की ज्वेलरी को हालमार्किंग की मान्यता मिलना ही चाहिए