उपवास काल में करें जीवन का नवीनीकरण – बिशप रॉबर्ट अली
रायपुर। मसीहीजनों का 40 दिनी उपवासकाल बुधवार से प्रारंभ हो गया। भस्म बुधवार पर उपदेश देते हुए छत्तीसगढ़ डायोसिस के बिशप रॉबर्ट अली ने कहा कि उपवास काल का वक्त जीवन को नए सिरे से आंकने का समय है। प्रभु के नजदीकी जाएं। अपने जीवन का नवीनीकरण करें। प्रार्थना करें। ईश्वर से अपनी बीमारी व बुरी आदतों को त्यागने आत्मिक व शारीरिक शक्ति मांगें।
उपवास नहीं कर सकते, तो संयम बरतें
सेंट पॉल चर्च में आयोजित कार्यक्रम में बिशप ने कहा कि यदि कोई उपवास नहीं कर सकता तो वह संयम बरते। त्याग करें। जो मरीज हैं , वे त्याग व संयम का उपवास कर सकते हैं। बिशप ने बाइबल से योएल व जक्कई का उदाहरण देते हुए कहा कि उनकी तरह पश्चाताप करें ताकि प्रभु आपके पापों को क्षमा करें।
बिशप ने कहा कि प्रभु अनुग्रहकारी, दयालु, क्रोध ना करने वाले, अति करूणा निधान है। वे किसी को दुखी होते नही देख सकते। उसकी ईच्छाओं को जानने व समझने का प्रयास करें। वचन की गहराई को समझने की कोशिश करें। प्रार्थना व पवित्र शास्त्र के द्वारा सपरिवार संगति करें। ऐश वेडनेस-डे यानी दुख भोग काल के मौके पर चर्चों में विशेष आराधनाएं हुई। अब प्रतिदिन शाम को प्रत्येक घरों में प्रार्थना सभाएं होंगी।40 दिन कोई उत्सव नहीं
उपवास काल में चर्चों या समाज में किसी भी तरह के समारोह, विवाह या अन्य कार्यक्रम नहीं होंगे। सेंट पॉल्स कैथेड्रल में आराधना का संचालन पादरी अजय मार्टिन ने किया। इसी तरह कैथोलिक चर्च में आर्च बिशप विक्टर हैनरी ठाकुर ने विशेष आराधना संपन्न कराई। घरेलू आराधनाओं के कार्यक्रम व वक्ता-संचालक तय कर दिए गए हैं। उनकी कार्यशाला भी बिशप व डायसिसन सचिव पादरी अतुल आर्थर व पादरी शमशेर सामुएल, अब्राहम दास आदि ले चुके हैं।
संयोजक मनशीश केजू, समीर तिमोथी, इस्माइल समीह, दीपक राज पीटर, राजेश लिविंग्स्टन राजा मसीह को जिम्मेदारी मिली है। राजधानी में सेंट मैथ्यूस चर्च, सीएनआई चर्च जोरा, सीएनआई चर्च नवा रायपुर खड़ंवा, ग्रेस चर्च, सेंट मेरीस चर्च टाटीबंध, भनपुरी कैथोलिक चर्च, मेनोनाइट चर्च, सेंट टेरेसा चर्च अमलीडीह, मारथोमा चर्च, चर्च आफ गाड, रायपुर क्रिश्चयन चर्च समेत करीब 40 गिरजाघरों में भी उपवास काल धार्मिक परंपरा के साथ संपन्न हो रहा है।