चीन और अमेरिका के संबंध सुधारने पर जोर और पाक ने किया आतंकी गिरफ्तार
ट्रंप प्रशासन के दौरान चीन और अमेरिका के रिश्तों में बहुत गिरावट देखी गयी। दोनों देशों के व्यापारिक संबंध भी पहले जैसे नहीं रहे। ईरान समर्थित आतंकवादी समूह जैनबियां ब्रिगेड ने देश में अपने पांव पसारने शुरू कर दिए हैं।
टोक्यो से बीजिंग तक अवसरों को पकड़ कर चुनौतियों का सामना करें : थॉमस बाक
अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के अध्यक्ष थॉमस बाक ने 28 जनवरी को चीनी समाचार एजेंसी सिन्हुआ को एक विशेष वीडियो इन्टरव्यू दिया। उन्होंने टोक्यो ओलंपिक के निश्चित समय पर आयोजन पर विश्वास जताते हुए कहा कि सुरक्षा को सुनिश्चित करना पहली प्राथमिकता है। टोक्यो ओलंपिक का आयोजन 2021 तक स्थगित कर दिया गया था, इसके आधे साल बाद पेइचिंग शीतकालीन ओलंपिक आयोजित होगा। अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने प्रस्ताव दिया है कि शिखर से शिखर तक ²ष्टिकोण के माध्यम से टोक्यो से पेइचिंग तक अवसरों को पकड़ कर चुनौतियों का सामना किया जाए।
बाक ने कहा कि टोक्यो ओलंपिक एक विश्व ध्यानाकर्षक इवेंट है, जिसके आयोजन से छह महीने पहले, दुनिया टोक्यो ओलंपिक के बारे में बात कर रही है। हम ओलंपिक खेलों पर केंद्रित ध्यान और मूल्यांकन का उपयोग कर इसे वर्तमान की कठिन अवधि का एक बहुत ही सार्थक प्रतीक बना सकते हैं।
चीन ने रिमोट सेंसिंग-31 के नंबर 2 उपग्रह का सफल प्रक्षेपण किया
चीन ने 29 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 47 मिनट पर च्युछ्वान उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र में छांगचंग नंबर चार श्रंखला के नंबर तीन राकेट से रिमोट सेंसिंग-31 के नंबर 2 उपग्रह का सफल प्रक्षेपण किया। उपग्रह पूर्व निर्धारित कक्षा में प्रवेश कर चुका है। बताया जाता है कि उपग्रह मुख्य तौर पर विद्युत चुम्बकीय पर्यावरण का अन्वेषण और संबंधित तकनीकी परीक्षण करेगा। यह छांगचंग श्रृंखला राकेट की 359वीं उड़ान है।
चीन और अमेरिका के संबंध सुधरने में ही दुनिया की भलाई
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ट्रंप प्रशासन के दौरान चीन और अमेरिका के रिश्तों में बहुत गिरावट देखी गयी। दोनों देशों के व्यापारिक संबंध भी पहले जैसे नहीं रहे। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा बार-बार चीनी उत्पादों पर एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाए जाने और विवादित बयान दिए जाने से रिश्ते खराब हुए। वहीं पिछले साल सामने आयी कोरोना महामारी के लिए भी अमेरिका ने चीन को ही जि़म्मेदार ठहराया। अमेरिकी नेताओं ने लगातार चीन विरोधी बयान देकर चीन से बेहद दूरी बना ली। यहां तक कि चीनी कंपनियों व नागरिकों पर भी पाबंदी लगाने का ऐलान कर दिया गया। जाहिर सी बात है इन सब चीजों का असर साफ देखा जा सकता है।
जैसा कि हम जानते हैं, चीन और अमेरिका दुनिया की दो सबसे बड़ी आर्थिक ताकतें हैं। ऐसे में अगर इन दो राष्ट्रों के बीच संबंध बिगड़ते हैं तो उसका असर पूरे विश्व पर पड़ता है। जाहिर सी बात है साल 2020 में हमने यही ट्रेंड देखा। इसके साथ ही अमेरिका सहित कुछ पश्चिमी देशों ने चीन को अलग-थलग करने की मुहिम भी चलायी।