छत्तीसगढ़

चैत्र नवरात्रि पर चैतुरगढ़ में श्रद्धालुओं को मिलेंगी आधारभूत सुविधाएं

कलेक्टर ने किया चैतुरगढ़ मंदिर परिसर का निरीक्षण, अधिकारियों को दिए निर्देश
कोरबा। आने वाली चैत्र नवरात्रि पर माँ महिषासुर मर्दनी मंदिर चैतुरगढ़ में दर्शनों के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को सभी आधारभूत सुविधाएं मिलेंगी। पहले 15 दिनों में दो बार बैठक कर अधिकारियों को निर्देशित करने के बाद आज सुबह कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने चैतुरगढ़ पहुंचकर पूरे मंदिर परिसर का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को पहाड़ी के उपर तक बिजली-पानी पहुंचाने का काम तेजी से करने के निर्देश दिए। श्रीमती कौशल अपने निरीक्षण के दौरान चैतुरगढ़ के चारों तालाबों सिंघी तालाब, सुकरी तालाब और गरगज तालाब तक भी पहुंची। इसके साथ ही उन्होंने गढ़ के तीन मुख्य द्वारों मेनका द्वार, सिंह द्वार और हुंकारा द्वार का भी अवलोकन किया। इस दौरान जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री कुंदन कुमार, कटघोरा की डीएफओ श्रीमती शमा फारूकी, डिप्टी कलेक्टर श्री आशीष देवांगन, सांसद प्रतिनिधि श्री प्रशांत मिश्रा सहित विभागीय अधिकारी भी मौजूद रहे।
कलेक्टर ने चैतुरगढ़ में आने वाली नवरात्रि को ध्यान में रखते हुए तात्कालिक तौर पर श्रद्धालुओं के लिए उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाओं को तेजी से विकसित करने पर जोर दिया। श्रीमती कौशल ने मंदिर परिसर में लगी खराब सोलर लाईटों को तत्काल ठीक कराने के निर्देश क्रेडा विभाग के अधिकारियों को दिए। उन्होंने पहाड़ के नीचे से पानी उपर पहुंचाने के लिए हाईप्रेशर पंप की व्यवस्था करने, श्रद्धालुओं के उपयोग के लिए एक-एक सार्वजनिक शौचालय की व्यवस्था करने, कचरा फेंकने के लिए नीचे तथा पहाड़ी के उपर दो-दो बड़े डस्टबिन लगवाने के निर्देश भी जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को दिए।
आर्किलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की सहमति से होंगे निर्माण संबंधी विकास कार्य – कलेक्टर श्रीमती कौशल ने अधिकारियों को पर्यटन की दृष्टि से चैतुरगढ़ के इस ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक स्थल को विकसित करने के लिए कार्ययोजना बनाते समय भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग के अधिकारियों से भी विचार-विमर्श करने के निर्देश प्रशासन के अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि चैतुरगढ़ को भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग द्वारा पुरातात्विक धरोहर के रूप में मान्य किया गया है और इसके विकास के लिए विभाग का मत भी महत्वपूर्ण होगा। उन्होंने चैतुरगढ़ से ही फोन पर आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के स्थानीय तथा क्षेत्रीय अधिकारियों से भी बात की और चैतुरगढ़ को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की प्रशासन की योजना से अवगत कराया। श्रीमती कौशल ने माँ महिषासुर मर्दनी के ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक मंदिर परिसर, चैतुरगढ़ पहाड़ी, तालाबों आदि को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की संभावनाओं और भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग द्वारा सहयोग पर भी अधिकारियों से बात की। श्रीमती कौशल ने चैतुरगढ़ को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की पूरी कार्ययोजना तैयार कर जिला प्रशासन की ओर से उसे आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया को भी भेजने के निर्देश अधिकारियों को दिए।

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