छत्तीसगढ़ सरकार के एक लाख से ज्यादा पेंशनरों को मिलेगी बड़ी राहत : बीस वर्ष लंबा इंतज़ार खत्म
एसबीआई रायपुर में केंद्रीकृत पेंशन प्रोसेसिंग प्रकोष्ठ की हुई स्थापना
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार के विभिन्न विभागों के एक लाख से ज्यादा पेंशनरों को एक बड़ी राहत मिलने जा रही है। राजधानी रायपुर के बैरनबाजार स्थित भारतीय स्टेट बैंक के प्रशासनिक कार्यालय में केन्द्रीकृत पेंशन प्रोसेसिंग प्रकोष्ठ की स्थापना कर दी गई है। भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ के राष्ट्रीय महामंत्री और छत्तीसगढ़ राज्य संयुक्त पेंशनर्स फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने आज यहाँ जारी प्रेस विज्ञप्ति में यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि
अब तक छत्तीसगढ़ के पेेंशनरों को अपने विभिन्न लंबित मामलों के निपटारे के लिए भारतीय स्टेट बैंक के भोपाल (मध्यप्रदेश) मुख्यालय स्थित पेंशन प्रोसेसिंग प्रकोष्ठ के भरोसे रहना पड़ता था। अब रायपुर में इस प्रकोष्ठ की स्थापना से उनकी यह समस्या दूर हो जाएगी। राज्य निर्माण के बाद विगत 20 वर्षों से छत्तीसगढ़ के पेंशनरों को रायपुर में इस प्रकोष्ठ का इंतजार था। अब यह इंतजार खत्म हो गया है। उन्होंने इसके लिए छत्तीसगढ़ शासन और भारतीय स्टेट बैंक को धन्यवाद दिया है।
श्री नामदेव ने बताया कि भारतीय स्टेट बैंक ने यहां बैरनबाजार स्थित अपने प्रशासनिक कार्यालय में पिछले महीने की 19 तारीख को इस प्रकोष्ठ की स्थापना कर दी है। बैंक के एक अधिकारी को इस प्रकोष्ठ का समन्वयक और नोडल अधिकारी बनाया गया है। श्री नामदेव ने बताया कि प्रकोष्ठ के नोडल अधिकारी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि यह प्रकोष्ठ नये वित्तीय वर्ष में एक अप्रैल 2021 से पूर्ण रूप से कार्य करने लगेगा।
श्री नामदेव ने बताया कि छत्तीसगढ़ के एक लाख से अधिक पेंशनरों को इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि सहायक महाप्रबंधक भारतीय स्टेट बैंक बैरन बाजार रायपुर द्वारा 4 मार्च 21 को छत्तीसगढ़ सरकार के संचालक,संस्थागत वित्त संचालनालय, (कोष लेखा, एवं पेंशन) इंद्रावती भवन नवा रायपुर को लिखे पत्र में सूचित किया है कि यह प्रकोष्ठ 19 फरवरी 2021 से खुल गया है। प्रकोष्ठ में बैंक के एक अधिकारी को समन्वयक और नोडल अधिकारी बनाया गया है। इस प्रकोष्ठ को राज्य में फेसिलेटर के रूप में कार्य करते हुये, पीपीओ जारी करने वाले अथॉरिटी,पेंशन भुगतान करने वाले बैंक शाखा और केंद्रीकृत पेंशन प्रोसेसिंग प्रकोष्ठ (सी पी पी सी ) भोपाल के बीच समन्वय स्थापित कर पेन्शनर प्रकरणों का त्वरित निपटारा करने का भरोसा दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि इस प्रक्रिया की शुरुआत होने पर भारतीय राज्य पेशनर्स महासंघ के राष्ट्रीय महामंत्री एवं छत्तीसगढ़ राज्य सँयुक्त पेन्शनर फेडरेशन के अध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव और फेडरेशन से जुड़े पेन्शनर एसोसिएशन छत्तीसगढ़ के प्रांताध्यक्ष यशवन्त देवान, छत्तीसगढ़ प्रगतिशील पेन्शनर कल्याण संघ के प्रांताध्यक्ष आर पी शर्मा तथा भारतीय राज्य पेन्शनर महासंघ छत्तीसगढ़ प्रदेश के प्रांताध्यक्ष जे पी मिश्रा ने हर्ष जताया है और उम्मीद जताई है कि नए वित्तीय माह एक अप्रैल 2021 से सेंट्रल पेंशन प्रोसेसिंग सेल पूर्ण रूप से राज्य के पेंशनरों के हित मे कार्य प्रारंभ कर देगा। इससे पेंशनरों को राहत मिलेगी ।
श्री नामदेव ने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन के संयुक्त संचालक कोष लेखा एवं पेंशन से पेंशन पेमेंट आर्डर(पीपीओ) जारी होने के बाद नियमों के परिपालन में जिला कोषालय अधिकारी द्वारा उसे बैंकों से भुगतान के पूर्व अंतिम जांच हेतु बैंक के माध्यम से हितग्राही को पेंशन भुगतान करने दिशा निर्देश के लिये गोविन्दपुरा भोपाल स्थित नोडल नामित भारतीय स्टेटबैंक को भेजा जाता है। भोपाल स्थित इस नोडल बैंक में मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ दोनों ही राज्यों के पेन्शन प्रकरणों की जांच होती है। जहां लम्बी प्रक्रिया,आपत्ति के निराकरण में देरी और कार्य की अधिकता के बहानेबाजी तथा लेनदेन की आस में प्रकरण के निराकरण में जानबूझकर विलम्ब किया जाता है।कई प्रकरणों में अनावश्यक आपत्ति लगाकर पेंशनरों को परेशान किया जाता रहा है , जिसके कारण कई सेवानिवृत्त कर्मचारियों को 2 वर्ष से अधिक समय तक पेंशन भुगतान से वंचित रहना पड़ा है और आज भी सैकड़ों प्रकरण आपत्ति निराकरण के अभाव में 6 महीने से अधिक समय से भोपाल में बिना किसी उचित कारण के लम्बित पड़े हुये है। रायपुर स्थित स्टेट बैंक में अलग से प्रकोष्ठ स्थापित होने पर अब स्थिति में सुधार आने की संभावना है।।
श्री नामदेव ने यह भी बताया कि विगत कुछ वर्षों में उनके फेडरेशन के तत्वावधान में अलग तिथियों में राज्य के पेंशनरों ने बूढ़ापारा रायपुर में धरना प्रदर्शन किया गया था और नवा रायपुर में मंत्रालय का घेराव कर छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के बीच पेंशनरी दायित्वों का बंटवारा और सेंट्रल पेंशन प्रोसेसिंग सेल की स्थापना रायपुर छत्तीसगढ़ में करने की मांग पत्र दिया था। ज्ञात हो कि गत दिनों छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने भी अपने मांग पत्र में पेंशनरों की इस मांग को जोड़ा था।