जिला मुख्यालय में चल रहा स्तरहीन निर्माण कार्य कलेक्टर ने दिया जांच के आदेश
कोंडागांव। करोड़ो की लागत से निर्माणधिन छात्रावास की दीवारों को उंगली से खरोचने से दीवार से ईंट निकल जाता है। करोड़ो की लागत से बनने वाले 250 सीटर छात्रावास का निर्माण कार्य ठेकेदार द्वारा स्तरहीन बनाया जा रहा है। वही इंजीनियरिंग, एसडीओ पीडब्ल्यूडी अधिकारी स्तरहीन कार्य करने की मौन सहमति दी गई हैं। अधिकारी भी इस भवन निर्माण के बारे में अपना बताने से बच रहे हैं । आपको बतादे कि जिला मुख्यालय में जिला निर्माण समिति के माध्यम से बनाए जा रहे करोड़ों की लागत से 250 सीटर बालक छात्रावास भवन निर्माण की गुणवत्ता देखेंगे तो आप दंग रह जाएंगे। ईटो की जोड़ाई को देखकर इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
जोड़ाई किए गए ईटो के बीच में उंगली खरोचने ही रेती के साथ ही ईट ही दीवाल छोड़कर बाहर आने लगा है। दराअसल ठेकेदार वरूण कुमार माईति के द्वारा बनाए जा रहे इस करोड़ो के भवन में गुणवक्ता की शायद जांच करना ही संबंधित विभाग भूल गया। और यही वजह है कि, भवन निर्माण कार्य पूर्ण होने से पहले ही भवन में दरारे पड़ने लगी है। हालांकि ठेकेदार के द्वारा भवन निर्माण कार्य को ती्रव गति से जरूर करवाया जा रहा है, लेकिन जिस गति वर्तमान में निर्माण चल रहा है यदि उसी गति से पहले इस भवन निर्माण की ओर ध्यान दिया जाता तो शायद यह भवन अपने निर्धारित समयावधि में पूर्ण हो सकता था। लेकिन यहॉ गुणवक्ता को दरकिनार करते हुए नियम-कायदों की अनदेखी की जा रही है। यदि समय रहते इस भवन की गुणवक्ता पर ध्यान नहीं दिया गया तो यह भवन आने वाले समय में खतरे का सबब भी बन सकता है। बताया जा रहा है कि, भवन की लंबाई-चौड़ाई अधिक होने के चलते यहॉ बनाए गए ऐक्सपेशन ज्वाइंटों से भी छत का पानी रिस रहा है वहीं इन ऐक्सपेशन ज्वाइंटों के नीचले हिस्से की दीवारों में दरारे भी पड़ने लगी है। इस निर्माण कार्य के गुणवक्ता जांचने की जिम्मेदारी जिस विभाग को सौपी गई है शायद उस विभाग ने समय रहते इस ओर ध्यान नहीं दिया होगा। जिसकी वजह से आज यह समस्या सामने आने लगी है। वहीं साईट इंजीनियर की माने तो उन्होंने गुणवक्ता में सुधार करने के लिए कई दफे निर्माण कार्य में लगे लोगों के साथ ही अपने अधिकारियों को भी इस संबध में अवगत करवा चुके है। बावजूद इस ओर ध्यान नहीं देना फिलहॉल समझ से परे है।
पुष्पेंद्र कुमार मीणा, कलेक्टर एवं अध्यक्ष निर्माण समिति ने बताया कि मुझे जो विडियों निर्माण कार्य का दिखाया गया है, उसमें गुणवक्ताहीन कार्य नजर आ रहा है। जिसके जांच के लिए कमेटी बनाई गई है, कमेटी तीन दिनों के भीतर जांच कर रिर्पोट सौपेगी। रिर्पोट आधार पर ही नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।