छत्तीसगढ़राजनीति

बठेना कांड के मुद्दे पर सदन में भाजपा का हंगामा

छत्तीसगढ़ विधानसभा

आसंदी द्वारा स्थगन प्रस्ताव अग्राह्य करने पर गर्भगृह में जाकर की नारेबाजी, हुए स्वयमेव निलंबित


रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र की कार्यवाही के दौरान आज पाटन थाना क्षेत्र के ग्राम बठेना में एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत का मामले को लेकर जमकर हंगामा हुआ। भाजपा सदस्यों ने इस मामले में स्थगन प्रस्ताव लाकर सदन में चर्चा कराये जाने की मांग की, जिसे आसंदी द्वारा अग्राह्य करने पर भाजपा सदस्यों ने गर्भगृह में जाकर नारेबाजी कर स्वयमेव निलंबित हो गए। निलंबन के बाद भी भाजपा विधायकों द्वारा सदन में नारेबाजी करते रहे। इस शोर-शराबे के बीच विधानसभा उपाध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी।
शून्यकाल में आज भाजपा के सभी विधायकों ने एक-एक करके ग्राम बठेना में पांच लोगों की मौत का मामला उठाते हुए इस पर स्थगन प्रस्ताव लाया। भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने घटना की हकीकत का पता लगाने के लिए भाजपा विधायकों का दल कल ग्राम बठेना गया था और वहां जाकर मृतकों के रिश्तेदारों से लेकर गांव वालों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि इस घटना में दो लड़की, उसकी मां और पिता व पुत्र की मौत हुई है। बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि मृत लड़कियों व उसकी मां को तारों से बांधकर उसकी चिता तैयार कर जलाया गया है, वहीं पिता और पुत्र की लाशें फांसी पर लटकी हुई मिली है। उन्होंने कहा कि रिश्तेदारों और गांव वालों कोई भी ये नहीं मान रहे यह घटना आत्महत्या की है। उन्होंने आरोप लगाया कि सभी की हत्या की गई है और संदेह व्यक्त किया है कि मृत लड़कियों के साथ दुष्कर्म हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की घटना कभी छत्तीसगढ़ यहां तक की देश में कहीं नहीं हुई है। इस घटना में शवों का पोस्टमार्टम नहीं होता और जांच के बिना ही पुलिस यह कह देती है कि पिता-पुत्र जुआरी और शराब थे। बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि मृतकों के रिश्तेदार जो यहां पहुंचे हुए है उन्हें रहने और खाने की व्यवस्था तक नहीं हो पा रही है क्योंकि घटना के बाद उनका घर सील कर दिया गया है। यह बहुत दुर्भाग्यजनक और हृदयजनक घटना है।
भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि 9 पेज का सुसाइड नोट जप्त करने की बात सामने आई है। विवेचना अधिकारी से हमने बात की उसने बताया कि फांसी पर चढऩे वाले बाप-बेटे के शरीर का भी कुछ हिस्सा जला हुआ था। हाथों में फफोले थ. यह संदेह पैदा करता है कि हत्या को आत्महत्या बताने का प्रयास किया जा रहा है।
भाजपा विधायक नारायण चंदेल ने कहा कि इस तरह की घटना की खबरें पहले सुनते आ रहे थे लेकिन अब छत्तीसगढ़ में इस तरह की घटनाओं को खुलेआम अंजाम दिया जा रहा है।
भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि पाटन में ही सामूहिक आत्महत्या या हत्या क्यों हो रही है। घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद यह कहना मुश्किल है कि यह आत्महत्या है। 9 पेज का सुसाइड नोट मिला है जिसे परिवार के सदस्यों को पढऩे तक नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि मृतक के परिजनों में एक सदस्य का कहना है कि अगर उसे सुसाइट नोट दिखाया जाएगा तो वो हैंड राइटिंग पहचान सकता है। उन्होंने कहा कि बिना जांच के सीधे निष्कर्ष पर पहुंचा दिया गया है, जबकि इस घटना में दुष्कर्म की भी आशंका है।
पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने कहा कि मां-बेटी को ऐसा जलाया गया कि हड्डी भी जल गई। छत्तीसगढ़ में क्या कोई व्यक्ति अपनी बेटी को मारकर, पत्नी को मारकर तारों से बांधकर जलायेगा। छत्तीसगढ़ में कहीं ऐसी मानसिकता नहीं है। उन्होंने कहा कि इसकी फोरेंसिक जांच होगी तो स्थिति और सामने आएगी। बाप-बेटे जो फांसी पर चढ़ गए उनके शरीर के कई हिस्से जले हैं. इतने वीभत्स तरीके से कोई आत्महत्या कैसे कर सकता है। आज तक ऐसी घटना नहीं देखी। डा. रमन सिंह ने कहा कि ऐसी क्या परिस्थिति बन रही है कि किसान पूरे परिवार समेत आत्महत्या करने पर मजबूर हो रहा है।
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि प्रदेश में आत्महत्या हो रही है, अनाचार, दुष्कर्म जैसी घटनाएं बढ़ी है। आज दलित पूरे प्रदेश में असुरक्षित है। उन्होंने कहा कि गढ़बो नया छत्तीसगढ़ की बात होती है, क्या यही छत्तीसगढ़ गढ़ा जा रहा है। आखिर ऐसी कौन सी परिस्थिति आई कि पूरे परिवार को आत्महत्या करने की नौबत आई। ये कैसी आत्महत्या है कि एक पति अपनी पत्नी को मारे, बेटी को मारे और फिर तार में बांधकर जला दे। नेताप्रतिपक्ष ने कहा कि परिवार के लोगो को सुसाइड नोट की जानकारी नहीं दी जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि षड्यंत्र रचने के बाद इस घटना को अंजाम दिया गया है इसमें बहुत सारे तथ्य है जिस पर चर्चा होनी चाहिए।
इस मामले में सौरभ सिंह, डा. कृष्णमूर्ति बांधी, पुन्नूलाल मोहिले, विधायक रजनीश सिंह, विधायक रंजना साहू, डमरूधर पुजारी ने भी अपनी बातें रखते हुए इस घटना को हत्या बताते हुए स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा कराये जाने की मांग आसंदी से की।
विधानसभा उपाध्यक्ष ने सभी विधायकों की बात सुनने के बाद उनके द्वारा लाये गये स्थगन प्रस्ताव को अग्राह्य कर दिया, जिसके बाद भाजपा विधायकों ने गर्भगृह में जाकर नारेबाजी करने लगे। विधानसभा उपाध्यक्ष ने इसके बाद भाजपा विधायकों के स्वयमेय निलंबन होने की घोषणा करते हुइ इस पर व्यवस्था बाद में देने की बात कहीं। इस बीच भाजपा विधायकों द्वारा सदन में नारेबाजी करते रहे, जिसके बाद उपाध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी।

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