फेंगशुई के अनुसार, व्यावसायिक भवनों की बाहरी और भीतरी बनावट और वहां पर रखी जाने वाली वस्तुएं व्यवसाय की सफलता और समृद्धि में निर्णायक साबित होती हैं। जहां गलत फेंगशुई से बना भवन आपके द्वारा दिन-रात की जा रही मेहनत पर भी पानी फेर सकता है, तो वहीं प्राकृतिक ऊर्जाओं के उचित सामंजस्य से बना भवन आपके लिए भाग्यशाली सिद्ध हो सकता है। आइये जानते हैं वास्तुकार संजय कुड़ी से कि किसी व्यावसायिक भवन के लिए किन फेंगशुई के सिद्धांतों का ध्यान रखा जाना चाहिए ध्यान।
1- कैश बॉक्स या कैश रखने का स्थान किसी भी ऑफिस में सबसे महत्वपूर्ण हिस्सों में से एक होता है। फेंगशुई के अनुसार सही दिशा में रखा गया कैश बॉक्स व्यवसाय को अधिक लाभ की स्थिति में चलाने में सहायक होता है। ऑफिस के उत्तर दिशा में रखा गया कैश बॉक्स फेंगशुई के अनुसार शुभ माना जाता है।
2- भवन के बाहर की नकारात्मक ऊर्जाओं को प्रवेश से रोकने के लिए फेंगशुई में बागुआ दर्पण का उपाय दिया गया है। इसे आप भवन के बाहरी हिस्से में लगा सकते हैं।
3- दक्षिण दिशा को व्यवसाय की वृद्धि और प्रगति के लिहाज से फेंगशुई में महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिशा में अगर आप लाल रंग के पौराणिक पक्षी फिनिक्स का स्कल्पचर रखते हैं तो यह आपके व्यवसाय की प्रतिष्ठा बढ़ाने में लाभदायक रहेगा।
4- अपनी फर्म या कम्पनी का नाम क्रीम या सिल्वर कलर के बोर्ड पर छपवाकर भवन की दक्षिण या पश्चिमी दिशा में रख सकते हैं।
5- फेंगशुई के अनुसार भवन के मुख्य द्वार पर किसी भी तरह का अवरोध नहीं होना चाहिए। यह अवरोध आपके व्यवसाय में भी बाधा का कारण बनेगा।
6- मुख्य द्वार के सामने लगभग ढाई फीट की ऊंचाई पर लाफिंग बुद्धा का रखना व्यवसाय में सफलता और सम्पन्नता प्रदान करने में सहायक होता है।
7- इस बात का ध्यान रखना जरुरी है कि व्यवसाय के मालिक के बैठने की व्यवस्था पश्चिम दिशा या दक्षिण-पश्चिम दिशा की ओर हो। इसके साथ ही मालिक की कुर्सी अन्य कुर्सियों के अपेक्षा अधिक ऊँची होनी चाहिए और बैठते वक्त उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुंह करके बैठना चाहिए।
ध्यान रखने योग्य कुछ बातें-
1- ऐसी घड़ी जो कि बंद हो या खराब हो उसे अपने ऑफिस या व्यावसायिक भवन में न लगाएं। इसके अतिरिक्त बहुत तेज आवाज करने वाली घड़ी लगाने से भी बचें। घड़ी लगाने के लिए पूर्व व उत्तर दिशा शुभ मानी जाती है।
2- व्यवसाय के मालिक या मुख्य पदों पर आसीन लोगों के बैठने की व्यवस्था इस प्रकार से नहीं होनी चाहिए कि बैठते वक्त उनकी पीठ के पीछे कोई बड़ी सी खिड़की हो। यह मनोवैज्ञानिक रूप से असुरक्षा की भावना उत्पन्न करेगी।