‘भाबी जी घर पर हैं’ में अनीता भाभी के रोल में नेहा पेंडसे को शामिल करने पर क्या बोलीं सौम्या
नई दिल्ली . चर्चित टीवी शो ‘भाभी जी घर पर हैं’ में अनीता भाभी का रोल प्ले कर चुकीं सौम्या टंडन ने अपनी जगह पर नेहा पेंडसे को लिए जाने पर प्रतिक्रिया दी है। सौम्या ने कहा कि अनीता भाभी के रोल में नेहा पेंडसे एक अच्छी चॉइस होंगी। इस रोल में वह अच्छा परफॉर्मेंस कर सकती हैं। इससे पहले ‘May I Come In Madam?’ में एक्टिंग कर चुकीं नेहा पेंडसे को चुने जाने पर सौम्या टंडन ने कहा, ‘इस खबर को सुनकर मुझे खुशी हुई। नेहा पेंडसे अच्छी चॉइस हैं। मैंने उनके साथ एक शो में काम किया है। मैंने उस शो की होस्टिंग की थी, जबकि नेहा पेंडसे ने परफॉर्म किया था। वह टेलेंटेड और प्रोफेशनल हैं। मुझे भरोसा है कि वह अपने रोल से न्याय करेंगी। मैंने उस कैरेक्टर के लिए अपना पसीना बहाया था और पूरे मन से काम किया था। मुझे खुशी है कि अब वह उस रोल में नजर आएंगी।’
सौम्या टंडन ने बॉम्बे टाइम्स से बात करते हुए अनीता भाभी के रोल में अपने रिप्लेसमेंट को लेकर कहा, ‘मुझे लगता है कि भारत में टेलीविजन दर्शक किसी भी रोल में दूसरे एक्टर के आने को स्वीकार करते रहे हैं। ऐसे कई उदाहरण हैं, जब दर्शकों ने आसानी से रिप्लेसमेंट को स्वीकार किया है। हालांकि मुझे खुद भी लगता है कि खासतौर पर किसी कॉमेडी रोल में दूसरे की जगह ले पाना कठिन होता है।
इसकी वजह यह है कि इसमें आपकी परफॉर्मेंस का बड़ा रोल होता है। इसके अलावा जिस एक्टर ने रोल छोड़ा है, उसकी एक्टिंग भी तय करती है कि आने वाले को लोग किस तरह से अपनाते हैं। मैं अच्छे नोट पर शो को छोड़ा है। यह सोचा-समझा फैसला था। इसमें किसी भी तरह का विवाद या फिर मनमुटाव नहीं था। नेहा एक अच्छी एक्टर हैं और मुझे भरोसा है कि लोग उन्हें पूरे मन से स्वीकार करेंगे।’
क्या उनके दिमाग में अपने रिप्लेसमेंट के तौर पर कोई था? इस सवाल के जवाब में सौम्या टंडन ने कहा कि ऐसा नहीं है। मेकर्स काफी अच्छे से जानते हैं कि रिप्लेसमेंट के तौर पर किसे लिया जा सकता है। इसके अलावा यह किसी एक व्यक्ति का फैसला नहीं होता है। बता दें कि सौम्या टंडन ने इस रोल को छोड़ते हुए कहा था कि उन्होंने इसमें अपनी एक्टिंग को खूब एंजॉय किया था और अब वह नए तरीके के रोल प्ले करना चाहती हैं। उनका कहना था कि वह 5 साल तक फिर से एक ही तरह के रोल से बंधना नहीं चाहती थीं। सौम्या ने कहा कि यह समय था कि मैं अब आगे बढ़ूं। मैंने अब तक जो भी किया था, वह सकारात्मक ढंग से ही किया था, लेकिन अब आगे बढ़ने का समय था।