छत्तीसगढ़

मौसम के बदलाव से खरीदी केंद्रों में धान के खराब होने की संभावना बढ़ी

जगदलपुर। जिले में एका-एक मौसम में हुए बदलाव के बाद तेज बारिश हुई और अब धान भीग कर खराब होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। जिले के धान खरीदी केंद्रों में वर्तमान में 81 हजार च्ंिटल धान खुले में पड़ा हुआ। मौसम खराब होने के बाद गुरुवार की रात को अचानक हुई बारिश की वजह से कई केंद्रों के धान के भीगने की खबर है। शुक्रवार को धूप खिलने की उम्मीद थी लेकिन बादल छाए रहने से भीगे हुए धान को सूखाया नहीं जा सका। आज भी सुबह से ही बादल छाये रहने से बारिश की संभावना व्यक्त की जा रही है। जिले के सभी धान खरीदी केंद्रों में धान जाम है, ट्रांसपोर्टर और मिलर्स की लापरवाही के कारण शासन को इसका खमियाजा उठाना पड़ रहा है। धान संग्रहण केंद्र में इस दौरान कर्मचारी धान को ढंकने की कोशिश करते रहे। हालांकि दोनों संग्रहण केंद्र में धान सुरक्षित रखने इंतजाम किए गए थे। बारिश की आशंका से धान को ढंका जा रहा है, लेकिन बारिश का पानी रिसकर नुकसान की आशंका बनी हुई है। गौरतलब है की लैंप्स प्रभारी लगातार धान का उठाव करने की मांग कर रहे हैं, दूसरी तरफ धान खरीदी को बंद हुए दो सप्ताह हो चुके हैं। जिले में इस वर्ष 01 लाख 41 च्ंिटल धान की खरीदी की गई थी , जिसमें से 81 हजार च्ंिटल धान अभी भी धान खरीदी केंद्रों में पड़ा हुआ है। वहीं 60 हजार च्ंिटल धान मिलर और संग्रहण केंद्र में पहुंचा है। इस तरह खरीदी किए धान का उठाव के लिए बड़ी मात्रा में तत्काल व्यवस्था नही की जाती है तो इसका नुकसान होना तय है। जिला विपणन अधिकारी आरबी सिंह ने कहा कि बारिश होने से कुछ केन्द्रों में ही धान भीगने की सूचना मिली है। कितना नुकसान हुआ है जांच दल पहुंचकर इसका आंकलन करेगा। जिन केन्द्र में तिरपाल कम पड़ रहे हैं वहां व्यवस्था की जाएगी।

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