रायपुर। जिला पंचायत रायपुर सेरीखेड़ी के अंतर्गत संचालित हो रहे मिनरल वाटर और मास्क यूनिट को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी चल रही है। वहीं इससे न केवल यूनिट शामिल होगा, बल्कि जिला पंचायत के अंतर्गत कार्य कर रहीं समूह की महिलाओं की आर्थिक रूप से मजबूत होगी।
साथ ही महिलाओं को वर्ष भर रोजगार मिलेगा। महिलाओं को रोजाना मिल रहे मानदेय देने की जिम्मेदारी भी निजी संस्था के पास होगी। पूरे कार्य की निगरानी जिला पंचायत स्वयं करेगी। ज्ञात हो कि इससे पहले जिला पंचायत द्वारा अगरबत्ती यूनिट निजी हाथों में सौेंप दी गई है। इससे मौजूदा समय सिर्फ अगरबत्ती यूनिट से लगभग 100 महिलाएं कार्य कर रही हैं, जो कि शुरू में सिर्फ 30 महिलाएं कार्य कर रही थीं।
महिलाओं की बढ़ेगी आय
सेरीखेडी डोम प्रभारी किशोर कुमार की मानें तो निजी हाथों में यूनिट को सांैपने से जहां महिलाओं को 365 दिन रोजगार मिलेगा। वहीं महिलाएं भी निजी संस्था से जुड़ने के बाद अधिक कार्य करेंगी। इसके अलावा निजी हाथों में यूनिट के संचालन होने से तैयार उत्पाद की मार्केटिंग, सेलिंग, उत्पाद तैयार करने के लिए कच्चे माल आदि की व्यवस्था की पूरी जिम्मेदारी निजी संस्था के पास होगी।
तैयार उत्पाद की पहुंच होगी बाजार में
निजी संस्थाओं के हाथों में यूनिट को सौपने के पीछे की वजह देखे तो डोम में कई प्रकार के उत्पाद तैयार हो रहे है। लेकिन इन उत्पादों की पहुंच बाजार तक नहीं हो पा रही है। जिससे बेहतर करने के लिए इस तरह की छोटी सी पहल प्रायोगिक रूप से शुरू किया जा रहा है। जिससे मास्क यूनिट में अभी 30 महिलाएं कार्य कर रही है।
निर्देश का पालन करना जरूरी
सेरीखेडी में लगभग 250 समूह की महिलाएं विभ्ािन्न् यूनिट से जुड़कर कार्य कर रही है। अगरबत्ती यूनिट को छोड़कर बाकी संचालित यूूनिट में फिलहाल मिनरल वाटर, मास्क यूनिट को निजी हाथ में सौपा जाएगा। वहीं जिला पंचायत सीइओ डा.गौरव कुमार सिंह ने बताया कि दिशा-निर्देर्शों का पालन करने वाले संस्था को ही यूनिट की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। इसके लिए बाकायदा एक समझौता होता है। वहीं तय समझौता का पालन नहीं करने पर इसे कभी भी रद कर दिया जाएगा। इसका पूरा अधिकार जिला पंचायत के पास सुरक्षित होगा।