अपने 15 साल के और मोदी के 7 साल के असफल कार्यकाल को छुपाने के लिए अनर्गल बयानबाजी पर उतर आए भाजपाई-मोहन मरकाम
कोंडागांव। छत्तीसगढ़ के भाजपाई अपने 15 साल के और केंद्र की मोदी सरकार के सात साल के असफल कार्यकाल को छुपाने के लिए अब अनर्गल बयानबाजी पर उतर आए हैं भाजपा के पिछले 15 साल के कार्यकाल में जब अधिकारी कर्मचारी आंदोलन करते थे तो इन्हें उनकी पीड़ा दिखाई नहीं देती थी उनकी मांग इन्हें जायज दिखाई नही देती थी और आज यह उनके मांग को जायज बताने के लिए घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं यदि उन्होंने अपने पिछले 15 साल के असफल कार्यकाल में इनकी मांग पूरी कर दी होती तो आज इन्हें यू धरने पर बैठने की जरूरत नहीं पड़ती पूर्व में डॉ रमन सिंग के कार्यकाल में कर्मचारी अपनी मांग को लेकर धरना आंदोलन करते थे तब भाजपा तानाशाही रवैया अपनाकर इनके आंदोलन को दबाने कुचलने का प्रयास करती थी याद कीजिये शिक्षाकर्मियों के उस आंदोलन को जब उस आंदोलन को दबाने के लिए भाजपा ने रातोरात सबको गिरफ्तार कर बंदूक की नोक पे शिक्षाकर्मियों के आंदोलन को दबाया था शिक्षाकर्मी नेताओ के परिवारों को धमकी देकर उनपे दबाव बनाकर आंदोलन को कुचला था तब कहा गई थी इनकी इन कर्मचारियों के प्रति संवेदना कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में किये 36 प्रमुख वादों में से 24 वादे पूर्ण किये है आने वाले समय मे शेष वादे भी जरूर पूर्ण करेगी
एक तरफ तो मोदी जी कहते हैं कि किसानों की आय दुगनी करेंगे वहीं छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार किसानों को धान का 1870₹ प्रति क्विंटल दे रही है व साथ ही 10000 रु प्रति एकड़ राजीव गांधी न्याय योजना के तहत सम्मान निधि दे रही है , साथ ही मक्के व गन्ने का भी 10000 प्रति एकड़ इसी योजना के तहत दिया जा रहा है तो यह बात केंद्र सरकार व नरेंद्र मोदी को नहीं पच रही की छत्तीसगढ़ का किसान क्यूँ इतना समृद्ध हो रहा है, तथा इसी सम्मान निधि को बोनस बता अड़ंगा लगा रही है व रोज़ कुछ न कुछ नया बहाना लगा केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ के किसानों को अपमानित व आर्थिक रूप से नुक़सान पहुँचाना चाह रही है। क्योकि उन्हें पता है छत्तीसगढ़ का किसान समृद्ध होगा तो आने वाले समय मे छत्तीसगढ़ में किसानों के साथ वादाखिलाफी करने वाले भाजपा का नामो निशान नहीं रहेगा छत्तीसगढ़ भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री लता उसेंडी जी को कोंडागांव में हो रहे विकास कार्य दिखाई नहीं दे रहे हैं तो ऐसे में उन्हें अपने असफल कार्यकाल के चश्मे को उतारकर कर कोंडागांव के विकास कार्य को देखना चाहिए 136 करोड़ की लागत से बन रहा मक्का प्रोसेसिंग प्लांट पिछले 15 वर्षों से कोंडागांव शहर की जनता की मांग मुक्तिधाम को अनसुना कर केवल भूमि पूजन तक सीमित रहने वाले भाजपाई नहीं देख पा रहे हैं तो जाएं और सर्वसुविधा युक्त मुक्तिधाम बनकर तैयार हो गया है उसे देखे कोंडागांव बाईपास निर्माण जिसमे वे लगातार रोड़े अटकाती रही कि सारी बाधाये जिसे दूर कर लिया गया है का भी जल्द निर्माण होना शुरू हो जाएगा वे जाए और देखे किस तरह सर्वसुविधायुक्त स्टेडियम, स्वीमिंगपूल बन रहा है वे जाए और देखे मॉडल कालेज भी अपनी पूर्णता की ओर अग्रसर है रही बात सड़कों के विकास की प्रथम ये की केवल सड़को के विकास को ही विकास नही कहते अपितु क्षेत्र के अंतिम व्यक्ति को जब शासन की योजनाओं का लाभ मिले उसे विकास कहते है यदि बात करे सड़को के विकास की तो उनके मंत्रित्व काल मे कोंडागांव विधानसभा में उन्होंने जितनी सड़के नही नहीं बनवाई उससे ज्यादा सड़को का निर्माण मेरे इन 7 साल के कार्यकाल में हुआ है और मैं इस बात को लेकर उन्हें आकड़ो के साथ चुनौती देता हूं वे भूल रही हैं जिस अस्पताल में वे पैदा हुई हैं वो कांग्रेस की देन है जिन स्कूलों में वह पढ़ लिख कर साक्षर बनी आगे बढ़ी हैं प्रदेश की मंत्री के रूप में कार्य किया वो कांग्रेस की देन है इन्हें किसानों की हित की इतनी ही चिंता है तो क्यों नहीं अपने 9 सांसदों और 14 विधायकों के साथ में लेकर के केंद्र की मोदी सरकार को बोलते कि जो वादा उन्होंने किया था साठ लाख मैट्रिक टन चावल खरीदने का इसमें कटौती कर केवल 24 लाख मैट्रिक टन चावल खरीदने की बात क्यो कर रहे हैं क्यों केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ को बारदाने की आपूर्ति करने में अपने हाथ पीछे कर रही है
गोधन न्याय योजना जिससे आज जमीनी स्तर पर छत्तीसगढ़ के लोग लाभान्वित हो रहे हैं और उनकी आर्थिक स्थिति बढाने में महत्वपूर्ण योजना साबित हो रही है यह उन्हें दिखाई नहीं देता है किसी भी राज्य और देश का विकास तब होता है जब उस देश उस राज्य के लोगो का विकास हो लेकिन शायद भाजपा और भाजपाइयों के लिए विकास का अर्थ कमीशनखोरी और घोटाला करना ही है जैसा डॉ रमन सिंग ने 36 हजार करोड़ का नान घोटाला किया था ।