छत्तीसगढ़

अभिभावक तय करें कि बच्चे को स्कूल भेजना है या नहीं

बिलासपुर।  स्कूल खुलने के बाद से अभिभावक बच्चों के कोरोना से संक्रमित होने की आशंका से डरे हुए हैं। अब शिक्षा विभाग भी अपने कदम पीछे लेने लगा है। बच्चों को स्कूल भेजने का निर्णय अभिभावकों पर छोड़ दिया गया है। स्कूल प्रबंधन द्वारा बच्चों को स्कूल भेजने के लिए कोई दबाव नहीं बनाया जाएगा। इधर स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट मोड पर है। सोमवार को कई स्कूलों में जाकर बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इस दौरान कोरोना गाइडलाइन का पालन करने की हिदायत भी दी गई।

जिले में स्कूल खुलने के बाद किसी भी बच्चे के कोरोना से संक्रमित होने का मामला सामने नहीं आया है। इसके बाद भी संक्रमण की आशंका से शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग और बच्चों के अभिभावकों डरे हुए हैं। इसी वजह से स्कूलों में उपस्थिति महज 30 से 40 प्रतिशत चल रही है।

इधर किसी तरह का दबाव भी नहीं बनाया जा रहा है। इधर स्वास्थ्य विभाग भी स्कूली बच्चों संक्रमण से बचाने जरूरी कदम उठा रहा है। सोमवार को स्वास्थ्य विभाग की विशेष टीम कई स्कूलों में पहुंची। इस दौरान उन्होंने बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया। साथ ही स्कूल शिक्षकों को कोरोना गाइडलाइन की भी जानकारी दी।

सर्दी-बुखार होने पर सीधे भेजे घर

शासन ने हर दिन बच्चों की थर्मल स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिए हैं। इस दौरान किसी बच्चे को सर्दी, बुखार की समस्या होती है तो उसे तत्काल घर भेजना है। इसके बाद इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को दी जाएगी। विभाग उस बच्चे की जांच कर उपचार की व्यवस्था करेगी। बच्चे के पूरी तरह स्वस्थ होने के बाद ही स्कूल में प्रवेश दिया जाएगा।

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