नई दिल्ली। कृषि कानूनों के विरोध में बीजेपी के कुछ सहयोगी तो साथ छोड़ कर चले गए हैं, लेकिन क्या अब बीजेपी के भीतर से भी कोई राजनीतिक हलचल होने जा रही है?
खबरों पर भरोसा करें तो किसान नेता राकेश टिकैत ने दावा किया है कि इसी महीने आंदोलन के समर्थन में एक बीजेपी सांसद का इस्तीफा होगा, जितने बीजेपी के सांसद हैं, उतने दिन यह आंदोलन चलेगा.
यह बात अलग है कि राकेश टिकैत ने बीजेपी सांसद का नाम तो नहीं बताया है, लेकिन इसके बाद सियासी बेचैनी जरूर बढ़ गई है और इस बात की चर्चा है कि- वह कौन है? इस्तीफा देने वाला बीजेपी सांसद हरियाणा से है, यूपी से है या कहीं और से है?
राकेश टिकैत का तो यह भी कहना है कि सरकार कहती है कि आप अपनी फसल कहीं भी बेच सकते हैं और किसी भी दाम में बेच सकते हैं, ऐसे में जहां खेती पर कानून बने हैं, उसी पार्लियामेंट के ठीक बाहर किसानों का फसल बेचना सही रहेगा, क्योंकि वहां पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी दी जा सकेगी.
इतना ही नहीं, वह किसानों को कह रहे हैं कि किसान अपनी फसल लेकर सीधा दिल्ली आ जाएं और पार्लियामेंट पर ही अपनी फसल भेजें ताकि उन्हें सही कीमत मिल सके.
बहरहाल, किसानों के मुद्दे पर मोदी सरकार को कोई समाधान नजर नहीं आ रहा है, लिहाजा आंदोलन को लंबा चलते रहने देने के अलावा कोई कोई रास्ता नहीं है, परन्तु बड़ा सवाल यह है कि इससे शायद पीएम मोदी की जिद भले ही पूरी हो जाए, बीजेपी का अच्छा-खासा सियासी नुकसान हो जाएगा, क्योंकि किसान आंदोलन दिल्ली की सीमा से आगे देश के शेष हिस्सों में भी फैलता जा रहा है!