आसान हुआ बीमारी का उपचार, डॉक्टर आने लगे घर के द्वार
रायपुर, रायपुर लाखे नगर क्षेत्र की श्रीमती जाहिदा बेगम को पिछले कुछ दिनों से कमजोरी महसूस हो रही थी। श्रीमती रिजवाना मेमन को पैर में दर्द था। पापड़ पैकिंग का काम करने वाली श्रीमती रामकोर को भी दर्द महसूस हो रहा था। ये सभी महिलाएं अपने उपचार के लिए अस्पताल तो जाना चाहती थी, लेकिन कार्य की व्यस्तता की वजह से नहीं जा पा रही थी। इनके घर के पास जब मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत संचालित मोबाइल मेडिकल यूनिट पहुंची तो इन सभी की बीमारी मानों दूर ही हो गई। मोबाइल मेडिकल यूनिट में मौजूद चिकित्सक और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने श्रीमती जाहिदा, रिजवाना सहित आसपास की महिलाओं का स्वास्थ्य जांच कर उन्हें दवाइयां दी तो सभी को बीमारी से राहत मिली। पहले छोटी-छोटी बीमारी के इलाज के लिए अस्पताल न जा पाने वाली इन महिलाओं ने कई बार निजी अस्पताल का चक्कर भी काटा और अपने पैसे भी खर्च किए। अब जबकि इन्हें घर के पास ही मोबाइल मेडिकल यूनिट की टीम से इलाज मिल गया है और ठीक भी हो गए हैं तो वे सरकार का आभार जताना नहीं भूलती।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और नगरीय प्रशासन तथा श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया की पहल से शहरी क्षेत्र के स्लम इलाकों में रहने वाले गरीब परिवारों के निःशुल्क उपचार की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के माध्यम से मोबाइल मेडिकल यूनिट प्रदेश के 14 नगर निगम क्षेत्र के अलग-अलग वार्डों में पहुंच कर लोगों का इलाज कर रही है। इस योजना के तहत स्लम क्षेत्र के निवासियों के स्वास्थ्य की जांच, उपचार, दवा वितरण एवं स्वास्थ्य परामर्श सुविधा निःशुल्क दिया जा रहा है। यूनिट में ओपीडी, प्रयोगशाला जांच के साथ दवा वितरण और लैब में 41 प्रकार के स्वास्थ्य जांच की सुविधा उपलब्ध है। दाई-दीदी क्लीनिक के माध्यम से भी मोबाइल मेडिकल टीम रायपुर, बिलासपुर और भिलाई नगर निगम क्षेत्र में पहुचकर लोगों का निःशुल्क उपचार कर रही है। दाई-दीदी क्लीनिक में महिलाओं के प्राथमिक उपचार के साथ-साथ महिला चिकित्सक द्वारा स्तन कैंसर की जांच, हितग्राहियों को स्व स्तन जांच का प्रशिक्षण, गर्भवती महिलाओं की नियमित एवं विशेष जांच आदि की अतिरिक्त सुविधा प्रदान की गई है। प्रदेश के 14 नगर निगमों में अभी तक 1470 स्थानों पर मोबाइल मेडिकल यूनिट ने कैंप लगाई है। इन कैंपों के माध्यम से 75 हजार 227 मरीजों का स्वास्थ्य जांच, 18082 मरीजों का लैब टेस्ट, 65 हजार मरीजों को दवा का वितरण, किया गया है। सबसे अधिक कैंप रायपुर नगर निगम में 474, बिलासपुर में 136, राजनांदगांव में 135 और दुर्ग में 127 कैंप लगाया गया है।