काफी प्वाइंट से नील गगन में चांद-तारों को निहार सकेंगे सैलानी
कोरबा । मीलों दूर तक फैली हरी-भरी वादियों के बीच नील गगन को निहारने का आनंद ही कुछ और है। इसके साथ ही ऊंची पहाड़ी पर खगोल के शौकीनों के लिए स्काई गेजिंग की सुविधा मिल जाए, तो क्या कहना। प्रकृति से जुड़े रहने के साथ चांद-तारों से प्यार करने वाले सैलानियों के लिए यही व्यवस्था कोरबा वनमंडल के मनोरम पर्यटन स्थल काफी पाइंट में करने की तैयारी की जा रही, जहां टकटकी लगाए घंटों आसमान को निहारने टेलीस्कोप स्थापित करने संभावनाओं की तलाश शुरू हो गई है। हरियाली और पहाड़ों को देखने से मन प्रफुल्लित हो उठता है। जिला मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर दूर स्थित रमणीय स्थल काफी प्वाइंट भी एक ऐसा ही अप्रतिम पर्यटन स्थल है। वन विभाग यहां पर स्काई गैजिंग के लिए केंद्र स्थापित पर विचार कर रहा है। घने जंगलों और पहाड़ियों के बीच एक ऊंचाई पर होने के कारण इस प्वाइंट से दूर तक खुला और साफ आसमान देखा जा सकता है। स्काई गैजिंग यानि आकाश की ओर आकाशीय पिंड, तारों को निहारने के लिए यह एक उत्तम स्थल है। खगोल या आकाशीय घटनाओं में रूची रखने वालों के लिए इसे एक आकर्षक केंद्र बनाया जा सकता है। इसके लिए छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा की कोरबा इकाई के सहयोग से प्रयोग शुरू हो गया है। कोरबा वनमंडल के डीएफओ गुरुनाथन एन के मार्गदर्शन में विज्ञान विशेषज्ञ काफी पाइंट में टेलीस्कोप स्थापित कर स्काई गेजिंग की संभावनाएं तलाशने जुट गए हैं।भ्रमण को पहुंचते हैं जेडएसआइ के वैज्ञानिक
छत्तीसगढ विज्ञान सभा के साथ पुटका पहाड़ का यह क्षेत्र जूलाजिकल सर्वे आफ इंडिया (जेडएसआइ) के वैज्ञानिकों के लिए भी एक पसंदीदा जगह है। अपने अध्ययन व शोध के लिए यहां वे समय-समय पर पहुंचते हैं। इनमें जेडएसआई जबलपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक (हर्पेटोलाजिस्ट) उदित प्रताप सिंह भी एक हैं, जिन्हें अपने विभाग के अलावा खगोल में भी काफी रूचि है। उन्होंने अपने कैमरे से दुधीटांगर पहाड़, आस-पास के जंगल और काफी प्वाइंट से भी रात को आसमान में चांद-तारों के झुरमुट में दिखाई देने वाले खगोलीय पिंडों की अनेक मोहक तस्वीरें ली हैं। उन्होंने भी यहां वैज्ञानिक शोध की दृष्टि से अपार संभावनाएं होने की बात कही है।