रागी कहें या नाचनी, मडुआ या कहें कादेर यह सभी नाम अलग-अलग जगह पर बोले जाते हैं। रागी के आटे से तमाम तरह की रोटी, स्टफ्ड पराठे, बिस्किट्स, चिप्स, पूड़ी, लड्डू, डोसा, उपमा, सूप आदि बनाए जाते हैं, जिन्हें खूब चाव से लोग खाते हैं। अगर आप अब तक रागी से अंजान हैं तो इसे अपनी डाइट में शामिल करना न भूलें।
रागी में कैल्शियम, विटामिंस, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट सरीखे तमाम जरूरी पोषक तत्व होते हैं। रागी में काफी मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है। इसे खाने से स्ट्रेस डिसॉर्डर के मरीज़ों को भी राहत मिलती है। रागी को पीसकर, अंकुरित करके खाया जाता है। खून की कमी और कम हीमोग्लोबिन के लिए यह लाभदायक है। सुबह नाश्ते में इसे लेने से शरीर को जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं।
रागी के सेवन के अन्य फायदे
– वैसे तो रागी के सेवन के कई सारे फायदे हैं, मगर सामान्य तौर पर इसके सेवन से ज्यादा प्यास लगने की समस्या खत्म होती है,साथ ही शारीरिक कमजोरी भी दूर हो जाती है और कफ़ दोष को ठीक किया जा सकता है। आप रागी का प्रयोग यूरिन संबंधी डिज़ीज़ को दूर करने और शरीर की गदंगी साफ़ करने के लिए भी कर सकते हैं। इतना ही नहीं, शरीर की जलन, त्वचा विकार, किडनी या स्टोन की समस्या में भी रागी या मडुआ का इस्तेमाल होता है।- अगर आप वजन कम करने के लिए कम वसा वाले आहार की तलाश कर रहे हैं तो रागी इसके लिए सर्वोत्तम जवाब होगा। असल में रागी में जो प्राकृतिक वसा सामग्री है, वह अन्य सभी अनाजों से कम है। इसके अलावा यह वसा अपने अनसैचुरेटेड रूप है। इसलिए गेहूं और चावल के बदले रागी लेना वजन कम करने की कोशिश कर रहे लोगों के लिए अच्छा विकल्प है। इसमें ट्रिप्टोफन नामक एमिनो एसिड भी होता है जो भूख को कम कर देता है। इसके गुणों का लाभ उठाने के लिए इसे सुबह लेना सबसे अच्छा है। इससे पूरे दिन पेट भरे होने का एहसास होता है।