छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम में 72 करोड़ का घोटाला, अधिकारियों पर होगी एफआइआर
रायपुर, छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम (पापुनि) में अधिकारियों की मिलीभगत से 72 करोड़ का घोटाला हुआ है। पापुनि के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने बुधवार को पत्रकारवार्ता करके आरोप लगाया कि तत्कालीन महाप्रबंधक अशोक चतुर्वेदी ने नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई और मनमाने तरीके से 72 करोड़ का भुगतान कर दिया। पूरे मामले में जांच का आदेश दिया गया है। इसके साथ ही प्रिंटर्स को बिना काम कराए आठ करोड़ 20 लाख रुपये का भुगतान करने के मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज होगी।
त्रिवेदी ने बताया कि सरकार ने वित्तीय नियंत्रण के लिए निगम-मंडलों में भुगतान के लिए निर्देश जारी किए थे। इसमें वित्त सेवा के अफसरों के संयुक्त हस्ताक्षर से भुगतान का प्रविधान है। एक लाख खर्च के लिए जीएम की स्वीकृति और सीनियर मैनेजर (वित्त) और जीएम के चेक में संयुक्त हस्ताक्षर से जारी किए जा सकते हैं। एक लाख से अधिक के लिए एमडी और चेक में सीनियर मैनेजर (वित्त) और एमडी के संयुक्त हस्ताक्षर रहेंगे, लेकिन इसका पालन नहीं किया गया।
राज्य संपरीक्षा से आडिट के बाद अनियमितता के कई मामले प्रकाश में आए हैं। यह पाया गया कि चेक में सक्षम अधिकारी के संयुक्त हस्ताक्षर के बिना करीब 72 करोड़ 45 लाख से अधिक की राशि जारी कर दी गई। आडिट के बाद यह भी पता चला कि भुगतान के लिए प्रविधानों का पालन नहीं किया गया। एक लाख तक के चेक जीएम द्वारा अकेले हस्ताक्षर कर जारी किया गया।
एक लाख से अधिक के भुगतानों में सीनियर जीएम वित्त की जगह जीएम द्वारा हस्ताक्षर किया गया। एक्सिस बैंक के खाते से 28 दिसंबर 2020 को चेक से 8 करोड़ 92 लाख रुपये का हस्तांतरण सिर्फ जीएम के हस्ताक्षर से किए गए। पूरे मामले में बैंक से भी स्पष्टीकरण लिया जा रहा है।