जगदलपुर। गैर मानसून सीजन में इंद्रावती नदी-जोरा नाला संगम पर छत्तीसगढ़ और ओडिशा के बीच जल बंटवारा के लिए बने कंट्रोल स्ट्रक्चर से छत्तीसगढ़ को उसके हक का पानी नहीं मिल रहा है। यह बात पिछले दिनों दोनों राज्यों के जल संसाधन विभाग के इंजीनियरों के संयुक्त निरीक्षण में सच साबित हुई है। अब दोनों राज्यों के इंजीनियर अपनी रिपोर्ट संबंधित सरकार को भेज दी है। अब इस पर कोई निर्णय लिया जाएगा।
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा पिछले तीन साल से ओडिशा को पत्र भेजकर शिकायत की जा रही थी कि राज्य को उसके हक का पानी नहीं मिल रहा है, लेकिन वह इसे मानने तैयार नहीं था। छह जनवरी को दोनों राज्यों के जल संसाधन विभाग के इंजीनियरों की संयुक्त टीम ने बस्तर सीमा से पांच किमी दूर ओडिशा के ग्राम सूतपदर में मौके का अवलोकन किया तो छत्तीसगढ़ की शिकायत सही पाई गई। निरीक्षण के दौरान कंट्रोल स्ट्रक्चर के अपस्ट्रीम में इंद्रावती नदी में जलबहाव 7.22 क्यूमेक पाया गया।
समझौते के अनुसार कुल जलबहाव का आधा-आधा कंट्रोल स्ट्रक्चर से दोनों राज्यों को मिलना था लेकिन ऐसा नहीं पाया गया। इंद्रावती नदी स्थित कंट्रोल स्ट्रक्चर से 2.97 क्यूमेक (41.14 फीसद) छत्तीसगढ़ की तरफ और 4.25 क्यूमेक (58.86 फीसद) पानी जोरा नाला स्थित कंट्रोल स्ट्रक्चर से बहकर ओडिशा की तरफ जा रहा था। टीम में ओडिशा जल संसाधन विभाग के चीफ इंजीनियर एवं मैनेजर इंद्रावती कोलाब बेसिन अश्विनी कुमार महंती, चीफ कंस्ट्रक्शन इंजीनियर अपर कोलाब राजकिशोर बिस्वाल, ईई अपर कोलाब इरीगेशन प्रोजेक्ट बोरीगुमा, विश्वनाथ महंती ईई नवरंगपुर डिवीजन व छत्तीसगढ़ से शेख शाकिर अधीक्षण यंत्री इंद्रावती परियोजना मंडल, ईई बीएस भंडारी, एसडीओ धर्मेन्द्र मेश्राम शामिल थे। दोनों राज्यों ने निरीक्षण रिपोर्ट अपने-अपने राज्य सरकार को भेज दी है।