छत्तीसगढ़ में बिना इंटरनेट के स्मार्ट स्कूल
रायपुर। छत्तीसगढ़ में स्कूल शिक्षा विभाग ने अनोखा काम किया है। बिना इंटरनेट कनेक्शन वाले स्कूलों को भी स्मार्ट बना दिया है। बिना इंटरनेट के स्मार्ट स्कूल बस्तर और सरगुजा के आदिवासी इलाकों में खोले गए हैं। 28 फीसद स्मार्ट स्कूलों में इंटरनेट कनेक्शन ही नहीं है। प्रदेश में 2606 स्मार्ट स्कूल खोले गए हैं, जिनमें 1920 में ही इंटरनेट की व्यवस्था है।
प्रदेश के सभी शासकीय हायर सेकेंडरी और हाईस्कूल में स्मार्ट स्कूल शुरू करने की योजना है। केंद्र सरकार की इन्फरमेशन एंड कम्यूनिकेशन टेक्नालाजी (आइसीटी) योजना के तहत प्रदेश के चार हजार 330 स्कूलों में स्मार्ट क्लास खोलने की तैयारी है।
स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जिन स्कूलों में इंटरनेट की व्यवस्था नहीं है, वहां डाउनलोड वीडियो और ब्लूटूथ के माध्यम से पढ़ाई कराई जा रही है। इंटरनेट नहीं होने के कारण सभी स्कूलों में एक जैसे पाठ्यक्रम को पढ़ाने में दिक्कत आ रही है।
यही नहीं, विषय की पढ़ाई में एकरूपता नहीं आ रही है। बस्तर और सरगुजा के आदिवासी बाहुल इलाकों में छात्रों की उपस्थिति कम रहती है। ऐसे में इंटरनेट नहीं होने और शिक्षकों की कमी के कारण आदिवासी छात्रों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि नया सत्र शुरू होने तक इंटरनेट की भी व्यवस्था कर दी जाएगी।
सिर्फ 12 जिलों में कंप्यूटर लैब
रायपुर, बालोद, बेमेतरा, धमतरी, दुर्ग, महासमुंद, राजनांदगांव, बलौदाबाजार, कांकेर और जांजगीर-चांपा में कप्यूटर लैब की स्थापना हुई है। आदिवासी बाहुल बस्तर के सिर्फ दंतेवाड़ा और सरगुजा के सूरजपुर में कंप्यूटर लैब की स्थापना हुई है। बाकी जिलों में अब तक लैब की स्थापना की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है।