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टाटा जेस्ट कार से पहुंचे थे तीन हत्यारे……डाक्टर व इंजीनियर दामाद ने अपने साथी के साथ दिया वारदात को अंजाम…..बॉडी ले जाने की थी तैयारी

रायपुर । पूर्व मंत्री डीपी धृतलहरे की दो बेटियां हैं और दोनों बेटियों की शादी एक ही घर में दो सगे भाईयों से हुई थी। लिहाजा दोनों भाई (साढू) ने मिलकर इस हत्या की साजिश रची और इसमें एक साथी का सपोर्ट लिया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक इस पूरे वारदात की वजह परिवार का संपत्ति विवाद है। वारदात में अब तक तीन लोगों के नाम सामने आये है, जिसमें एक डाक्टर, एक इंजीनियर और तीसरा बस कंडेक्टर है। डाक्टर आनंद धृतलहरे और इंजीनियर अज दोनों सगे भाई हैं, जिसकी शादी डीपी धृतलहरे की दोनों बेटियों से हुई थी। राजधानी में हुए हाईप्रोफाइल डबल मर्डर का खुलासा पुलिस किसी भी वक्त कर सकती है। आरोपी के गिरेबान तक पुलिस के हाथ पहुंच गये है।

कयास है कि पूरे घटना का मास्टरमाइंड इंजीनियर है, जो अपने डाक्टर भाई और एक साथी (बस कंडेक्टर) के साथ मिलकर खम्हारडीह पहुंचा और मां बेटी को मौत के घाट उतार दिया। हालांकि डाक्टर अजय और बस कंडेक्टर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, जबकि तीसरा आरोपी अजय मौके से फरार होने में कामयाब हो गया है। पुलिस को इस घटना से जुड़ा एक सीसीटीवी भी मिला है, जिसमें तीन संदिग्ध आते-जाते नजर आ रहे हैं।
टाटा जेस्ट कार से पहुंचे थे हत्यारे

पुलिस सूत्रों के मुताबिक अजय टाटा जेस्ट कार से अपने भाई डाक्टर आनंद और बस कंडेक्टर को लेकर पहुंचा था। किसी को शक ना हो, इसलिए कार को घर से करीब 200 मीटर दूर ले जाकर खड़ा किया गया। तीनों को मालूम था कि मृतका का पति घर पर नहीं है, घर पर अकेली नेहा और उसकी 9 वर्षीय बेटी अनन्या ही मौजूद है। आशंका है कि घर में दोनों ननदोई के साथ नेहा का संपत्ति को लेकर विवाद हुआ, जिसके बाद तीनों ने मिलकर नेहा की गला घोंटकर हत्या कर दी। घटना के वक्त अनन्या भी मौजूद थी, लिहाजा सबूत मिटाने की वजह से बच्ची की भी हत्या कर दी गयी होगी।
मृतिका के बहन के पहुंचने पर प्लान हुआ चौपट

मां-बेटी की हत्या के बाद दोनों की लाश को वाथ टब में डाला गया, ताकि मालूम पड़ सके कि दोनों मरे हैं या नहीं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक हत्यारों का प्लान था कि शव को ठिकाने लगा दिया जाये। इसी प्लान के तहत इंजीनियर अजय कार को लाने और घर के करीब पार्क करने की नियत से घर से निकला । लेकिन इसी बीच मृतिका की बहन पहुंच गयी। घर का दरवाजा खुलवाने और नहीं खोलने पर मृतिका की बहन ने खम्हारडीह थाने में इसकी सूचना दी। पुलिस का सायरन सुनते ही कार में बैठा अजय मौके से फरार हो गया, जबकि घर के भीतर ही डाक्टर आनंद और बस कंडक्टर बंद रह गया।

पूरा मामला संपत्ति विवाद और पैसों के लेनदेन से जुड़ा है। सूत्रों के मुताबिक पूर्व मंत्री डीपी धृतलहरे ने अपने रिश्तेदारों के नाम पर खरीदी थी। डीपी धृतलहरे की मौत के बाद नेहा अपने पति के नाम सारी जायदाद कराती जा रही थी। पैसा भी नेहा ने अपने पास रख लिया था। जिसकी वजह से डीपी धृतलहरे की दोनों बेटियों और उसके पति खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे थे। दोनों परिवार के बीच इसे लेकर कई दफा विवाद भी हो चुका था। इसी वजह से हत्या की पूरी साजिश रची गयी और उसे अंजाम दिया गया।
डीपी धृतलहरे की दोनों बेटियों की शादी एक ही घर में दो भाईयों से हुई थी

पूर्व मंत्री डीपी धृतलहरे की दो बेटियां हैं और दोनों बेटियों की शादी एक ही घर में दो सगे भाईयों से हुई थी। लिहाजा दोनों भाई (साढू) ने मिलकर इस हत्या की साजिश रची और इसमें एक साथी का सपोर्ट लिया। फिलहाल पूरी वारदात की तफ्तीश में आखिरी हिस्सा इंजीनियर अजय की गिरफ्तारी से जुड़ा है, जिसकी तलाश में पुलिस जुटी हुई है।

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