छत्तीसगढ़

निजी स्कूलों में फीस वसूली, सभी याचिकाएं खारिज

बिलासपुर। निजी स्कूलों में फीस वसूली को लेकर आधा दर्जन से अधिक रिट अपील व जनहित याचिकाओं को हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस व जस्टिस पीपी साहू की पीठ ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने एकलपीठ के आदेश को सही ठहराते हुए निजी स्कूल संघ के पक्ष में फैसला सुनाया है।
हाई कोर्ट के युगलपीठ ने अपने फैसले में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी ट्यूशन फीस लेने का आदेश दिया है, जिसका पालन करते हुए सिंगल बेंच ने जो ट्यूशन फीस लेने का आदेश दिया है वह सही है। इसलिए इस फैसले पर हस्तक्षेप करना सही नहीं है। इससे पहले निजी स्कूलों में फीस को लेकर हाई कोर्ट की एकलपीठ के फैसले के खिलाफ रिट अपील व जनहित याचिका मिलाकर 11 प्रकरणों पर एक साथ सुनवाई की गई। इसमें केजी टू कक्षा के छात्र सिद्धांत डांगी व सौम्य दीवान की याचिका भी शामिल है।
कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान निजी स्कूलों को पांच साल का फीस चार्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। ताकि फीस की वास्तविक स्थिति का आकलन किया जा सके। याचिकाओं में कोर्ट के निर्देश व प्रदेश सरकार द्वारा फीस विनियमन अधिनियम लागू करने के बाद भी सभी मदों को जोड़कर फीस लेने की जानकारी दी गई है। कोर्ट को बताया गया है कि इस संबंध में स्कूल प्रबंधन कोर्ट और शासन के आदेशों का पालन नहीं कर रहे हैं। इस मामले में निजी स्कूल संघ की ओर से अधिवक्ता आशीष श्रीवास्तव ने पैरवी की।

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