बीपी की दवाएं लेना कोरोना मरीजों के लिए एकदम सुरक्षित, नए अध्ययन में किया गया दावा
न्यूयॉर्क। कोरोना वायरस (कोविड-19) की चपेट में आने वाले रोगियों में हाई ब्लड प्रेशर (बीपी) के उपचार में आमतौर पर इस्तेमाल होने वाली दवाओं को लेकर एक नया अध्ययन किया गया है। अध्ययन के शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि अस्पताल में भर्ती होने वाले कोरोना पीडि़तों में ये दवाएं सुरक्षित पाई गई हैं। ये मरीज कोरोना के उपचार के दौरान भी बीपी की दवाओं का सेवन कर सकते हैं।
लैंसेट रेस्परटोरी मेडिसिन पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान कोरोना मरीजों में इन दवाओं को जारी रखने से कोई खतरा नहीं पाया गया है। अमेरिका की पेंसिलवेनिया यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर जुलियो ए चिरिनोज ने कहा, ‘हमारे ट्रायल के नतीजे महत्वूपर्ण हैं। इससे जाहिर होता है कि अस्पताल में भर्ती कोरोना रोगी इन दवाओं को जारी रख सकते हैं।’ यह निष्कर्ष 152 प्रतिभागियों पर किए गए एक अध्ययन के आधार पर निकाला गया है।
अध्ययन में उच्च रक्तचाप रोधी एंजियोटेंसिन-कंवर्टिग एंजाइम (एसीई) इंहिबिटर्स और एंजियोटेंसिन रिसेप्टर ब्लॉकर्स (एआरबी) वर्ग की दवाओं को परखा गया। इसमें इस बात पर गौर किया गया कि क्या ये दवाएं जटिलताओं को कम करती हैं या लक्षणों को गंभीर करती हैं? शोधकर्ताओं ने विश्लेषण के आधार पर बताया कि इन दवाओं के नियमित इस्तेमाल का नतीजों पर कोई असर नहीं पाया गया। ये साक्ष्य इंटरनेशनल सोसाइटी की उस सलाह का समर्थन करते हैं, जिसमें कोरोना की चपेट में आने वाले बीपी रोगियों में इन दवाओं को जारी रखने की बात कही गई है।