बेरोजगारी के खिलाफ 24 हजार फार्मासिस्ट 23 को राजधानी में जुटेंगे
रायपुर। प्रदेश के शासकीय अस्पतालों में फार्मासिस्टों की नियुक्ति नहीं, अवैध मेडिकल स्टोर के संचालन, शासकीय अस्पतालों में दवाओं की अनियमितता और भ्रष्टाचार को लेकर इंडियन फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने राज्य सरकार के खिलाफ हल्ला बोला है।
व्यवस्था से नाराज आइपीए ने राजधानी में 23 मार्च को जंगी आंदोलन की रणनीति तैयार की है। इसमें राज्य के 19 हजार पंजीकृत फार्मासिस्ट और पांच हजार फार्मासिस्ट छात्र एकजुट होकर धरना देंगे। इस दौरान 22 तरीख को प्रदेशभर के फार्मासिस्ट कार्यस्थल पर फार्मासिस्ट एप्रन में कालीपट्टी लगाकर विरोध करेंगे। 23 को रायपुर में प्रदेशस्तरीय आंदोलन के लिए एकजुट होंगे।
आइपीए छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष डा. विनोद कुमार वर्मा, उपाध्यक्ष तरूण त्रिपाठी, सचिव राहुल वर्मा, को-आर्डिनेटर वैभव शास्त्री ने बताया कि राज्य में 6232 शासकीय अस्पताल है। लेकिन ना के बराबर फार्मासिस्ट नियुक्ति हैं। स्वास्थ्य व्यवस्थ्ाा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे फार्मासिस्टों की नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा रोक दी गई है।
वहीं फार्मासिस्टों की डिग्री लेकर बड़े व्यावसायी अवैध मेडिकल स्टोर का संचालन कर रहे हैं। सरकारी अस्पतालों और विभाग में फार्मासिस्ट नहीं होने की वजह से अस्पतालों में गलत दवाएं देने की शिकायत आए दिन सामने आती है।
वहीं सीजीएमएसी, सरकारी अस्पतालों में दवाओं की गलत खरीदी, घटिया दवाओं की सप्लाई जैसे भ्रष्टाचार के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। इस तरह की व्यवस्था से लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। ऐसे में फार्मासिस्टों ने राज्य सरकार ने समस्याओं के जल्द निराकरण की मांग की है।
आंदोलन में यह होंगे शामिल
शासकीय अस्पताल, सीजीएमएससी, एम्स, बिजली विभाग, बीएसपी, एसइसीएल, रेलवे, सेल, एनएमडीसी, जेल विभाग में कार्यरत फार्मासिस्ट, मेडिकल स्टोर का संचालन करने वाले फार्मासिस्ट, बुंदेला पिरामल में कार्यरत, फार्मेसी कालेजों में पढ़ाने वाले फार्मासिस्ट शिक्षक आदि ने आंदोलन में शामिल होने समर्थन दिया है। इसमें राज्य के 19 हजार पंजीकृत फार्मासिस्ट और पांच हजार फार्मासिस्ट छात्र शामिल हैं।