गरियााबंद। पूरे जिले में पिछलेे कई माह से जलसंसाधनन विभाग द्वारा करोड़ों की लागत से नहर लाइनिंग ,एनीकट निर्माण एवं तटबंध निर्माण जैसे अनेक विकास कार्य जारी है इसके बावजूद जल संसाधन विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों ने ठेकेदारों को खुली छूट दे रखी जिस कारण कार्य में गुणवत्ता का कोई अता पता नहीं प्रशासन अपनी नींद से जागा नही है,और तमाम नियम कायदों को ताक में रखकर ठेकेदार धड़ल्ले से अपना कार्य कर रहे हैं तथा विभागीय कर्मचारी और अधिकारी कुम्भकर्णी में नींद में सोये हुवे है।यहाँ पर यह बताना लाजमी होगा कि जलसंसाधन विभाग उपसंभाग फिंगेश्वर के द्वारा करोड़ो रूपये खर्च कर शासन के मंशानुरूप किसानों को जल्द से जल्द जलाशय का पानी उनके खेतो तक पहुँचे इसलिए नहर में लाइनिंग का कार्य करवाया जा रहा है कि विभागीय उदासीनता और अधि कारियों के सांठ गांठ और ठेकेदार के अधिक से अधिक पैसे कमाने की लालच में यह कार्य पूर्ण रूप से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ता हुवा नजर आ रहा है।सबसे मजेदार बात यह है कि इस क्षेत्र के जनप्रतिनिधि इस कार्य के बारे में जानकारी नही होगी या फिर वे भी जानबूझकर इस कार्य से अनजान बन रहे। इस प्रकार पूरे जिले में फिंगेश्वर, छुुरा ,पांडुका ,गरियाबंद, देवभोग आदि जगह नाहर लाइनिंग व अन्य कार्य जोरों से चल रहा है। जहां नियम के अनुसार 3 इंच की ढलाई होनी चाहिए वहां 2 इंच कर रहे हैं जैसे तैसे कार्य को अंजाम देकर ठेकेदार बारिश के पूर्व करने के फिराक में है जहां गुणवत्ता को लेकर कोई नियम कानून दिखाई नहीं दे रहेे हैं विभाग के आला अधिकारी कुंभकरण निद्रा में चले गए हैं।
ग्राम पंचायत सरकड़ा सरपंच, उपसरपंच व पंचगणो तथा ग्राम के लोगो ने बताया कि ठेकेदार के द्वारा जलाशय में निस्तारी के लिये रखे गये पानी का ही उपयोग नहर लाइनिंग में किया जा रहा है जबकि गर्मी के दिनों में ग्राम के लोग नहाने के लिये, पशुओं को धोने के लिये व अन्य निस्तार के लिये जलाशय के पानी का उपयोग करते है, साथ ही जलाशय से लगा हुवा जंगल है जहाँ रहने वाले जंगली जानवर भी गर्मी के दिनों में इसी जलाशय के पानी को पीकर अपना प्यास बुझाते है ऐसे में यदि ठेकेदार के द्वारा जलाशय के पानी का उपयोग नहर लाइनिंग में किया जाता है तो आने वाले समय मे गर्मी के दिनों में पानी की विकराल समस्या उत्पन्न हो सकती है।