बीजापुर। जिला मुख्यालय में सरपंच संघ के द्वारा प्रेस वार्ता कर पूर्व मंत्री महेश गागड़ा के द्वारा मनरेगा योजना में भारी भ्रष्टाचार और गड़बड़ी के आरोप का खंडन करते हुए पूर्व मंत्री महेश गागड़ा से माफी मागने की मांग की थी, मांफी नही मांगे जाने पर सभी पंचायतों में विरोध करने की बात कही गई थी। इसके बाद पूर्व मंत्री महेश गागड़ा अपने बयान पर अडिग रहते हुए आरोप लगाया है कि पंचायत के कामों में भारी धांधलेबाजी हो रही है, कांग्रेसी नेता इसमें शामिल हैं। प्रशासन के आंख मंूद लेने से एवं मशीनों से काम लिए जाने से मजदूरों को काम नहीं मिल पा रहा है और वे पड़ोसी प्रांत तेलंगाना में अब मिर्च तोडने जाने के लिए मजबूर हो गए हैं।
पत्रकारों से चर्चा में पूर्व वन मंत्री महेश गागड़ा ने बताया कि कुछ दिनों पहले उन्होंने भोपालपटनम ब्लॉक के तमलापल्ली पंचायत का दौरा किया था और लोगों से बात की। लोगों ने बताया कि एक साल पहले मंजूर कई काम शुरू नहीं हो पाए हैं और जो शुरू किए गए हैं, वे अधूरे हैं। मनरेगा के काम में पोकलेन एवं जेसीबी का इस्तेमाल हो रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि कोरोना काल में अप्रैल से नवंबर तक का चावल केन्द्र से भेजा गया था। इसे गरीबों को मुफ्त में देना था, लेकिन दो माह का चांवल ही दिया गया। राशन दुकान संचालकों का कहना है कि उन्हे चांवल डीडी जमा करने पर मिला है। पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने आरोप लगाया कि केन्द्र के चावल के वितरण में बड़ी धंाधली हुई है।
पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने कहा कि चूंकि मनरेगा की राशि केन्द्र से आती है, इसलिए वे इस मसले को लोक सभा में उठाएंगे। विधानसभा का सत्र चल रहा है, इसमें भी इस मामले को भाजपा उठाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि दूसरे जिलों एवं राज्यों के ट्रैक्टर तालाब खोदने के लिए मंगाए गए हैं। पूर्व मंत्री ने कहा कि मनरेगा के काम का सामाजिक मूल्यांकन होना चाहिए। इसमें विपक्षी दल के प्रतिनिधियों और मीडिया की मौजूदूगी होनी चाहिए, ताकि मूल्यांकन पारदर्शी हो। इस दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष श्रीनिवास राव मुदलियार, वरिष्ठ भाजपा नेता घासीराम एवं सत्येंद्र सिंह ठाकुर उपस्थित रहे।