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महाकाल मंदिर के समीप खोदाई में मिले एक हजार साल पुराने मंदिर के अवशेष

 उज्जैन । ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर के समीप खोदाई में एक हजार साल पुराने मंदिर के अवशेष मिले हैं। पुराविदों का कहना है कि महाकाल मंदिर अत्यंत प्राचीन है। कालांतर में होने वाले नवनिर्माण में इसका मूल स्वरूप दब गया। खोदाई में इसके अवशेष नजर आने लगे हैं। यह मंदिर के मूल निर्माण का भी हिस्सा हो सकता है। आगे खोदाई जारी रहने पर विक्रमादित्य और उनके काल से भी पुरासंपदा मिल सकती है। यह भारतीय धर्म, परंपरा, स्थापत्यकला व प्राचीन इतिहास को समझने में सहायक होगी। मंदिर प्रबंध समिति द्वारा श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर के सामने वाले हिस्से में निर्माण कार्य कराया जा रहा है। इसके लिए कई जगह खोदाई भी की जा रही है। शुक्रवार को जमीन से करीब 25 फीट नीचे एक हजार साल पुरानी संरचना के अवशेष मिले हैं।

दीवार जैसी संरचना, पुष्प आदि उकेरे मिले

जानकारी मिलने पर वक्रिम विश्वविद्यालय के पुरातत्व उत्खनन विभाग प्रभारी पुराविद् डॉ. रमण सोलंकी मौके पर पहुंचे। नईदुनिया से चर्चा में उन्होंने कहा कि महाकाल मंदिर अत्यंत प्राचीन है। राजाभोज के वंशज उदयादित्य ने करीब एक हजार साल पहले महाकाल मंदिर का जीर्णोद्धार कराया था। मूल मंदिर के आसपास अन्य मंदिरों के होने का उल्लेख भी मिलता है। कालांतार में नवनिर्माण के दौरान पुराने मंदिर दब गए।क्योंकि फिलहाल जो दीवार नजर आ रही है, वह उत्तर दिशा की दीवार है। इस पर कुछ पुष्प आदि के चि- भी उकेरे हुए मिले हैं। आगे और खोदाई में मंदिर का स्वरूप स्पष्ट होगा। साथ ही विक्रमादित्य तथा उनसे भी पुराने काल खंड की पुरासंपदा मिल सकती है।

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