बिलासपुर। भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष अमित साहू की टीम में बिलासपुर जिले के युवा नेताओं को जगह नहीं मिल पाई है। टीम अमित में जिले की उपेक्षा कर दी गई है। मोर्चा की नई टीम बनने के बाद अब जिले के युवा नेताओं का गुस्सा फूटने लगा है। चर्चा तो इस बात की भी है कि जिले के दिग्गज नेताओं ने समर्थकों के बहाने अपनी लड़ाई लड़ने की रणनीति बनाई है।
मोर्चा की राजनीति को लेकर अब जिले में सियासी सरगर्मी तेज होने लगी है। यह पहली मर्तबे हुआ जब प्रदेश की दूसरी सबसे महत्वपूर्ण शहर व जिले से जुड़े दिग्गजों की एक नहीं चल पाई या यूं भी कह सकते हैं कि कार्यकारिणी गठन करते वक्त प्रदेश अध्यक्ष ने तव्वजो नहीं दी। जिन नामांे पर विचार करना था नहीं किया गया। जिले के प्रमुख नेताओं की सूची को रद्दी की टोकरी में डाल दिया गया है।
मोर्चा की राजनीति से जुड़े दिग्गजों का तो यहां तक कहना है कि इसका असर आने वाले दिनों में दिखाई देगा। भाजपा की अनुषांगिक संगठनों में सबसे महत्वपूर्ण युवा मोर्चा को माना जाता है। विधानसभा चुनाव तक राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने व सड़क की लड़ाई प्रभावी तरीके से लड़ने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी रहेगा।