छत्तीसगढ़

राजधानी में कुओं के आएंगे अच्छे दिन

रायपुर। राजधानी में कुओं के अच्छे दिन आने वाले हैं। राजधानी में पानी की किल्लत को देखते हुए रायपुर नगर निगम ने कुओं को सजाने और सहेजने का निर्णय लिया है। रायपुर नगर निगम प्रथम चरण में राजधानी के प्रत्येक वार्ड से एक जर्जर कुएं को माडल कुएं के रूप में बनाने का निर्णय लिया है।
राजधानी में सर्व प्रथम इसकी शुरुआत पं. रविशंकर शुक्ल वार्ड से की जाएगी। शुक्रवार को रायपुर नगर निगम के संस्कृति विभाग के अध्यक्ष आकाश तिवारी ने अधिकारियों की बैठक लेकर निर्देश दिए हैं। ज्ञात हो कि रायपुर नगर निगम के अंतर्गत 70 वार्डों में कुओं को माडल के रूप में भूजल संरक्षण एवं संवर्धन के उद्देश्य से जीर्णोद्धार किया जाएगा।
नगर निगम मुख्यालय में हुई बैठक में उपस्थित पार्षदों ने संस्कृति विभाग के अध्यक्ष ने तालाबों एवं नदी को स्वच्छ रखने और समाज हित में पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से सुझाव दिया। इसके साथ ही विभाग के अध्यक्ष ने समिति के सदस्य पार्षदगणों से नगर निगम रायपुर के आगामी बजट को लेकर चर्चा की और सुझाव मांगे।
बैठक में यह भी सहमति बनी कि राजधानी शहर में गणेश उत्सव एवं दुर्गोत्सव सहित अन्य आयोजनों को देखते हुए एक बड़ा धार्मिक एवं सांस्कृतिक आयोजन नगर निगम संस्कृति विभाग के माध्यम से रखने का निर्णय लिया है। बैठक में सलाहकार समिति की समिति के सदस्य पार्षद शीतल कुलदीप बोगा, नीलम नीलकंठ जगत, राजेश सिंह ठाकुर, रवि कुमार ध्रुव, चन्द्रपाल धनगर, सुनील भुवाल, विभाग के सचिव नगर निगम संस्कृति विभाग प्रभारी अधिकारी एवं जोन छह के जोन कमिश्नर हेमंत शर्मा की उपस्थिति थे।
निगम क्षेत्र में 150 कुएं, कई पट चुके
रायपुर नगर निगम से मिली जानकारी के अनुसार रायपुर नगर निगम क्षेत्र में वर्तमान में 150 कुएं अस्तित्व में होना बताया जा रहा है। कई कुएं कचरे व मलवे से पहले ही पट चुके हैं। लोग कुएं का उपयोग कचराखाना के रूप में कर रहे हैं। झिल्ली, कागज, धूल व मिट्टी भी कुएं में डाल दे रहे हैं। कहीं कुएं को पाटने का काम भी किया जा रहा है। तो कहीं कुएं का उपयोग कपड़ा सुखाने के लिए कर रहे हैं।
शहर में वर्तमान में जितने कुएं जीवित हैं, उनका पानी गंदा हो चुका है, जो उपयोग में लाने के लायक ही नहीं है। निगम सभी कुओं की सफाई कर उसका जीवणोद्वार करने का निर्णय लिया है। पहले चरण में प्रत्येक वार्ड के एक कुओं की सफाई कर उसका जीवर्णोद्वार किया जाएगा। उसके बाद दूसरे चरण में बचे हुए कुओं को किया जाएगा।
सभी कुओं की होगी सफाई
संस्कृति विभाग के अध्यक्ष का कहना है कि कुएं की सफाई का काम जल्द शुरू कर दिया जाएगा। इसके अलावा शहर में जितने भी कुएं है सबकी सफाई कराई जाएगी। आम जनता को भी कुओं की उपयोगिता के बारे में बताया जाएगा और उनके सहयोग से इन्हें संरक्षित करने का प्रयास किया जाएगा। कुएं के पानी को स्वच्छ बनाए जाने के बाद लोग गर्मी में उसके पानी का उपयोग कर सकेंगे।

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