वहां तूफान भी हार जाते हैं, जहां कश्तियां जिद पर होती हैं
रायपुर। दिन भर में व्यक्ति ऊर्जा के विभिन्न दौर से गुजरता है। छात्रों को उस समय के अनुसार टाइम टेबल बनाकर पढ़ाई करनी चाहिए। जब भी दिन भर में सबसे अधिक ऊर्जा एवं उत्साह से भरपूर महसूस करते हैं, तब पढ़ें। समय को नियंत्रित करने के बजाय और लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रबंधन किया जाना चाहिए। समय को बर्बाद होने से बचाने के लिए छात्रों को उनके करियर के लिए लाभदायक विषयों को समय देना चाहिए। परीक्षाओं की तैयारी सुरक्षित रहकर भली-भांति की जा सकती है, क्योंकि सभी स्टडी मैटेरियल ऑनलाइन लेवल पर उपलब्ध होते हैं। समय प्रंबधन हर व्यक्ति की सफलता के लिए कुंजी है।यह कहना था मोटीवेशनल स्पीकर डा. शशि अतुलकर का । मंगलवार को विशेष रोजगार कार्यालय रायपुर की रोजगार अधिकारी तथा नेशनल वेबिनार की मुख्य वक्ता के रूप में डा. अतुलकर ने समय प्रबंधन पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि न केवल समय पर लक्ष्य निर्धारित करना आवश्यक है, बल्कि उस पर अडिग रहकर परीक्षा की तैयारी करना आवश्यक है।समय की कमी की समस्या नहीं
डा. शशि अतुलकर ने कहा कि समय की कमी की समस्या नहीं है। समय प्रबंधन की आवश्यकता समय को बर्बादी से बचाने के लिए है। उन्होंने छात्रों को डिस्ट्रक्शन से भी दूर रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि जिन चीजों से माइंड डिस्ट्रक्शन होता है, जैसे इंटरनेट मीडिया, पोस्ट लाइक या किसी व्यक्ति के व्यवहार से व्यथित होने वाली सामग्री से दूर रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि वहां तूफान भी हार जाते हैं, जहां कश्तियां जिद पर होती हैं। छात्रों में कुछ बड़ा करने की चाहत होती है, परंतु शून्य से शुरुआत नहीं करना चाहते हैं, उन्हें समझना चाहिए हंड्रेड तक पहुंचने का सफर जीरो से ही शुरू होता है।समय ऐसी संपदा जो वापस नहीं ला सकते
वक्ताओं ने कहा कि समय ऐसी संपदा होती है, जिसे वापस नहीं पाया जा सकता। विशेषज्ञों ने सिविल सर्विस की तैयारी, वास्तविक टाइम टेबल बनाकर रणनीति के साथ करने की सलाह दी। यदि लक्ष्य की केवल बात की जाती है तो वह केवल स्वप्न ही होता है। जब तक कि उसे सूचीबद्घ एवं लक्ष्य बनाकर पूरा न किया जाए। अनुशासन, कड़ी मेहनत एवं स्वयं के प्रति ईमानदारी ही सफलता की पूंजी है।