वादों का नियमितीकरण कब?
रायपुर। कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले प्रदेश के अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया था। करीब 50 हजार अनियमित कर्मचारियों ने वादों पर भरोसा किया और कांग्रेस के पक्ष में जमकर वोट बरसे। अब अनियमित कर्मचारी राजधानी में धरना देकर सरकार को वादा याद दिला रहे हैं, लेकिन सरकार साफ कह रही है कि किसी भी अनियमित कर्मचारी को नियमित करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
सदन में विपक्ष के नेता धरमलाल कौशिक ने विद्यामितान तो भाजपा विधायक केएम बांधी ने मध्यान भोजन योजना में कार्यरत कंप्यूटर आपरेटरों के नियमितीकरण का मुद्दा उठाया। सरकार की तरफ से हर सवाल का एक ही जवाब आया, दैनिक वेतनभोगी को नियमित करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। मुख्यमंत्री ने खुद स्वीकार किया कि 36 में से 14 वादे पूरे हुए हैं। बाकी वादों को पूरा करने के लिए अभी ढाई साल हैं। देखिए क्या होता है।
एक मंत्री और बंगला दो-दो
कांग्रेस सरकार में मंत्रियों, विधायकों को बंगला बांटने में दरियादिली दिखाई जा रही है। कांग्रेस के 70 विधायकों को कहीं न कहीं बंगला देकर सरकार ने खुश करने का काम किया है। इसमें कुछ ऐसे विधायक भी हैं, जो बड़े बंगले की पात्रता नहीं रखते, इसके बाद भी बड़े बंगले दे दिए गए हैं। जब सरकार विधायकों पर मेहरबान है तो मंत्री महोदय क्यों पीछे रहने वाले हैं?
बड़े-बड़े मंत्री एक बंगले में दफ्तर और घर बनाकर काम कर रहे हैं, लेकिन शहर के विकास का जिम्मा संभालने वाले मंत्रीजी ने राजधानी में दो-दो बंगले आवंटित करा लिए। एक में खुद रहते हैं, दूसरे में परिवार के सदस्यों को रहने का इंतजाम करा दिया है। दोनों बंगलों के बीच में महज 200 मीटर की दूरी है। अब क्या विपक्षी दल के नेता के पड़ोस में बंगला आवंटित कराएंगे तो चर्चा में आना स्वाभाविक ही है।
कांग्रेस का हमर गोठान
भाजपा सरकार ने पंचायत स्तर के प्रतिनिधियों को राजधानी दिखाने और सरकार की योजनाओं को बताने के लिए हमर छत्तीसगढ़ योजना शुरू की थी। इस योजना को देश के कई भाजपा शासित राज्यों में लागू किया गया। बिहार से तो विधायकों का प्रतिनिधिमंडल हमर छत्तीसगढ़ कार्यक्रम में पहुंचा था। अब इसी तर्ज पर कांग्रेस सरकार हमर गोठान कार्यक्रम करने जा रही है।
इसमें अलग-अलग जिले में गोठान में किए जा रहे नवाचार को दिखाने की तैयारी है। गोठान समिति के सदस्यों को कृषि गतिविधियों में नवाचार अपनाने, गोधन न्याय योजना को बेहतर ढंग से समझाने और उन्नत कृषि को अपनाने के लिए प्रेरित किया जाना है। दरअसल कांग्रेस सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट नरवा, गरुवा, घुरुवा, बाड़ी है। गोठान में गड़बड़ियां सुर्खियों में रहती हैं, लेकिन सरकार की कोशिश है कि अन्य जिलों के पंचायत प्रतिनिधि उन गोठानों को भी देखें, जहां बेहतर काम हो रहा है।