देवों के देव महादेव की आराधना के लिए महाशिवरात्रि का दिन शुभ माना जाता है। इस दिन चारों दिशाएं बम-बम के जयकारों से गूंज उठती हैं। हर तरफ शिव शंकर की जय-जयकार होती है। इस बार महाशिवरात्रि 11 मार्च 2021 को पड़ रही है। फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को ये व्रत किया जाता है। हिंदु मान्यताओं के अनुसार इसका बहुत अधिक महत्व होता है। इस दिन विधि-विधान से पूजा करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है, लेकिन अगर आप गलती से भी ये पांच काम कर दें तो अशुभ हो जाता है।
भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए भक्त भांग-धतूरा, चंदन, दूध, बेलपत्र और भस्म आदि कई चीजें चढ़ाते हैं, लेकिन शिवपुराण में बताया गया है कि कुछ ऐसी चीजें भी हैं, जिन्हें गलती से शिवलिंग पर नहीं चढ़ाना चाहिए।
हल्दी
हल्दी को बेहद पवित्र माना जाता है और कई शुभ मौकों पर इसका इस्तेमाल होता है। कई लोग भगवान को भी हल्दी चढ़ाते हैं, लेकिन भगवान शिव के प्रतीक शिवलिंग पर हल्दी नहीं चढ़ाई जाती है।
कुमकुम
कुमकुम को सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है, जबकि शिव वैरागी हैं। इसलिए शिवलिंग पर गलती से भी कुमकुम नहीं चढ़ाना चाहिए।
टूटे हुए चावल
टूटा हुआ चावल अशुद्ध होता है। इसलिए शिवलिंग पर हमेशा अक्षत यानि साबूत चावल के दाने की अर्पित करने चाहिए।
तुलसी
तुलसी का पत्ता भी काफी पवित्र होता है। शिव पुराण के मुताबिक, जालंधर नाम का असुर भगवान शिव के हाथों मारा गया था, लेकिन जालंधर को एक वरदान मिला था कि उसे अपनी पत्नी की पवित्रता की वजह से कोई भी पराजित नहीं कर सकता है। इसीलिए भगवान विष्णु को जालंधर की पत्नी तुलसी की पवित्रता को भंग करना पड़ा। अपने पति की मौत से नाराज तुलसी ने भगवान शिव का बहिष्कार कर दिया था। इस वजह से शिवलिंग पर तुलसी नहीं चढ़ाई जाती है।
केतकी का फूल
ब्रह्माजी और विष्णु में से कौन श्रेष्ठ है, इस बात पर विवाद छिड़ने के बाद एक विराट लिंग प्रकट हुआ। दोनों ने यह निश्चय किया कि जो इस लिंग के छोर का पहले पता लगाएगा, वो ही श्रेष्ठ माना जाएगा। दोनों को ही छोर नहीं मिला, लेकिन ब्रह्मा जी ने विष्णु जी को कहा कि वो छोर तक पहुंच गए हैं। उन्होंने केतकी के फूल को इसका साक्षी बताया। लेकिन शिव जी वहां प्रकट हुए और केतकी के फूल को श्राप दिया कि शिव की पूजा में कभी केतकी का फूल इस्तेमाल नहीं होगा।
इन कामों को करने से प्रसन्न होते हैं भगवान शिव
- महाशिवरात्रि पर भगवान शिव को खुश करने के लिए उस दिन व्रत रखना चाहिए।
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
- मंदिर जाकर शिवलिंग पर जल और दूध अर्पित करें और अपनी क्षमता के अनुसार अन्य चीजें भी चढ़ाएं।
- इस दिन ओम नम: शिवाय का जाप करें।