छत्तीसगढ़

सीमेंट भाड़ा विवाद : ज्यादातर कंपनियां 12 फीसद भाड़ा बढ़ाने को हुईं राजी

रायपुर। छत्तीसगढ़ में सीमेंट कंपनियों और ट्रांसपोर्टरों के बीच भाड़ा बढ़ाने को लेकर करीब महीनेभर से चल रहा विवाद खत्म होता नजर आ रहा है। परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर की पहल पर दोनों पक्षों की बीच सुलह हो गई है। ज्यादातर कंपनियां 12 फीसद भाड़ा बढ़ाने को राजी हो गई। इस विवाद के समाधान के लिए दोनों पक्षों ने परिवहन मंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया है।
सीमेंट परिवहन का भाड़ा बढ़ाने को लेकर 26 फरवरी से ट्रांसपोर्टरों और सीमेंट कंपनियों के बीच विवाद चल रहा है। इसकी वजह से सीमेंट की आपूर्ति भी प्रभावित हुई है। पेट्रोल- डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी का हवाला देते हुए ट्रांसपोर्टर सीधे 40 फीसद भाड़ा बढ़ाने की मांग कर रहे थे। उनका कहना था कि अभी जो भाड़ा चल रह है वह 2017 में तय हुआ था, उस वक्त डीजल की कीमत 58 रुपये थी। अब यह बढ़कर दोगुनी हो चुकी है।
इसके विपरीत सीमेंट कंपनियां भाड़ा बढ़ाने के लिए राजी नहीं थी। इससे दोनों पक्षों के बीच कोई सहमति नहीं बन पा रह थी। ऐसे में परिवहन मंत्री अकबर ने दोनों पक्षों को शुक्रवार को अपने निवास कार्यालय बुलाकर सुलह की कोशिश की। मंत्री के आग्रह पर ट्रांसपोर्टर 12 फीसद भाड़ा बढ़ने पर परिवहन फिर से शुरू करने पर राजी हो गए। वहीं, बैठक में मौजूद सीमेंट कंपनियों के प्रतिनिधियों ने इस संबंध में उच्च प्रबंधन से चर्चा के बाद कोई निर्णय लेने की बात कही थी।
इसके आधार पर शनिवार को एक-एक कर ज्यादातर सीमेंट कंपनियों ने 12 फीसद भाड़ा बढ़ाने को राजी हो गई। हालांकि चर्चा है कि कुछ कंपनियां सीमेंट के अलावा डस्ट आदि के परिवहन का भाड़ा बढ़ाने को राजी नहीं हैं। बता दें कि ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल की वजह से प्रदेश में सीमेंट के दाम लगातार बढ़ रहे हैं।
पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाने से सीमेंट के दाम बढ़े : कांग्रेस
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी ने सीमेंट की कीमत बढ़ने के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। तिवारी ने कहा कि केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल के दामों में बेतहाशा वृद्धि कर दी है। इससे ट्रांसपोर्टरों को मिलने वाले कमीशन से उन्हें नुकसान उठाना पड़ रहा था, इसी वजह से सीमेंट के दाम बढ़े हैं।

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