स्विट्जरलैंड का बड़ा फैसला, सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का पहनने पर प्रतिबंध
एक प्रमुख घटनाक्रम में रविवार को स्विट्जरलैंड में सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का और नकाब पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया गया। इससे संबंधित प्रस्ताव को जनादेश में मामूली अंतर से स्वीकृति मिली। इससे पहले फ्रांस और बेल्जियम में भी इस तरह का कानून लागू हो चुका है। इस कानून के लागू होने से चेहरा ढंककर महिलाएं सार्वजनिक स्थानों, रेस्टोरेंट, स्टेडियम, पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम और सड़क पर नहीं चल पाएंगी। हां, वे धार्मिक स्थलों पर, स्वास्थ्य और सुरक्षा कारणों से अपना चेहरा ढंक सकेंगी। कोविड महामारी से बचाव के लिए भी चेहरा ढंकने पर छूट होगी। इस कानून के लागू होने से चेहरा ढंककर सड़कों पर हिंसक प्रदर्शन भी रोका जा सकेगा। वैसे 85 लाख की आबादी वाले देश में कुछ दर्जन महिलाएं ही नकाब या बुर्के का इस्तेमाल करती हैं, लेकिन उन पर रोक लगाकर देश ने अपनी सतर्कता की मंशा जाहिर कर दी है। उल्लेखनीय है कि यूरोप में आतंकी हमले बढ़ रहे हैं। फ्रांस इस तरह के हमलों के निशाने पर है। संसद में स्विस पीपुल्स पार्टी के सदस्य और जनादेश समिति की प्रमुख वाल्टर वॉबमान ने कहा, स्विट्जरलैंड में चेहरा ढंकने की परंपरा नहीं है। हम अपना चेहरा दिखाना पसंद करते हैं। यह हमारी स्वतंत्रता से जुड़ा मसला है। हमारा मानना है कि चेहरा ढंकना अतिवादी और इस्लाम का राजनीतिकरण करने का मसला है। इसके लिए स्विट्जरलैंड में कोई जगह नहीं है। जबकि स्विट्जरलैंड की सेंट्रल काउंसिल ऑफ मुस्लिम ने इस फैसले वाले रविवार को समुदाय के लिए काला दिन बताया है।