नहीं देखा जा रहा किसानों का दर्द, यह जुल्म के खिलाफ आवाज… जानिए संत बाबा राम सिंह ने सुइसाइड नोट में क्या-क्या लिखा
नई दिल्ली | दिल्ली में तीन सप्ताह से चल रहे किसान आंदोलन के बीच बुधवार को कोंडली बॉर्डर पर संत बाबा राम सिंह ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली है। उन्होंने खुद को गोली मारने से पहले कथित तौर पर सुइसाइड नोट भी लिखा है। इसमें लिखा है कि उनसे किसानों का दुख देखा नहीं जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की सुन नहीं रही है और यह उनसे सहन नहीं हो रहा है।
बाबा राम सिंह ने लिखा, ”किसानों का दुख देखा नहीं जा रहा है। अपने हक के लिए सड़कों पर किसानों को देखकर बहुत दिल दुख रहा है। सरकार न्याय नहीं दे रही है। जुल्म है। जुल्म करना पाप है। जुल्म सहना भी पाप है।”
उन्होंने आगे लिखा, ”किसानों के हक और जुल्म के खिलाफ किसी ने कुछ नहीं किया। किसी ने कुछ किया है, कइयों ने सम्मान, पुरुस्कार वापस किए हैं, रोष जताया, दास किसानों के हक लिए, सरकारी जुल्म के खिलाफ रोष में मैं आत्मदाह कर रहा हूं। यह जुल्म के खिलाफ आवाज है, तो किसानों के हक में आवाज है। वाहे गुरु जी दा खालसा, वाहे गुरु जी दी फतेह।”
संत बाबा राम सिंह का सिख समुदाय में बड़ा सम्मान है। हजारों उनके अनुयायी हैं। बताया जा रहा है कि बाबा राम सिंह कई दिनों से किसानों के आंदोलन में सेवा करने में जुटे थे। लोगों को कंबल और भोजन बांट रहे थे।