68 वर्षीय जगदीश कनौजिया ने कोरोना को दी मात, अनुभव किए साझा
0 कोरोना से डरे नहीं बल्कि स्वयं को साकारात्मक रखकर इसे हराए
सुकमा। पिछले एक साल से कोविड-19 वायरस से सम्पूर्ण मानव जीवन पर खतरा मंडरा रहा है, वहीं ज्यादातर ऐसे भी लोग हैं जो अपनी इच्छाशक्ति और जीने की ललक से मौत को पीछे ढकेलकर फिर से जिंदगी संवारने में कामयाब हो रहें हैं। जिला मुख्यालय के गायत्री माता वार्ड बगीचा पारा निवासी सेवानिवृत्त प्राचार्य जगदीश कनौजिया ने सर्दी-खांसी होने पर अपनी कोरोना जांच कराई, जांच रिपार्ट में कोविड पॉजिटिव होने पर उन्हें होम क्वांरटीन किया गया था। होम क्वारंटीन में रहकर स्वयं को सकारात्मक रखकर उन्होनें चिकित्सकों के निर्देशों का अक्षरश: पालन किया। साथ ही नियमित रूप से व्यायाम, संतुलित भोजन, समय पर दवाईयों के सेवन से 10 दिनों में कोरोना को मात देकर स्वस्थ्य हुए हैं।
68 वर्षीय कनौजिया ने बताया कि सर्दी-खांसी के लक्षण दिखने पर 12 अप्रैल को जिला अस्पताल में कोविड टेस्ट कराया, 16 अप्रैल को जिला अस्पताल से जांच रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव होने की सूचना प्राप्त हुई जिस पर स्वास्थ विभाग द्वारा उन्हें होम हाईसोलेट किया गया। उन्होंने कोरोना की पॉजिटिव रिपोर्ट को देखर विचलित न होते हुए सामान्य लोगों की तरह ही घर पर रहकर नियमित रूप से कोविड नियमों का पालन किया। कनौजिया ने नकारात्मक सोच को दिल-दिमाग पर हावी नहीं होने दिया और स्वयं को साकारात्मक रखते हुए सोशल मीडिया में फैली कोरोना की भ्रांतियों से दूर रखा।
प्रतिदिन व्यायाम, कोरोना को हराने का महत्वपूर्ण आयाम
कोरोना से स्वस्थ होकर लौटे कनौजिया ने होम क्वारंटीन के अनुभव को साझा करते हुए कहा कि होम क्वारंटीन के पूरे 10 दिनों में सुबह और शाम नियमित रूप से व्यायाम किया और स्वास्थ्य में किसी प्रकार की समस्या होने पर चिकित्सकों से फोन के माध्यम से परामर्श लिया। प्रतिदिन तीन बार वे अपने ऑक्सीजन लेवल, तापमान और पल्स रेट की जानकारी डॉक्टर से साझा करते थे, व्यायाम करने से उनके ऑक्सीजन लेवल बेहतर होता गया। इसके साथ ही उन्होंने प्रोटीन युक्त आहार लिया। उन्होंने कहा कि कोरोना पॉजिटिव होने पर घबराए नहीं, बल्कि स्वयं को सकारात्मक रखते हुए इसे नियमति रूप से व्यायाम, चिकित्सकों द्वारा प्राप्त आवश्यक दवाईयों के सेवन, संतुलित भोजन एवं कोरोना के नियमों का पालन करते हुए हराया जा सकता है।