छत्तीसगढ़

8 लाख से बने छोटेपटनी के गोठान में लगा रहता है ताला, टंकियों से रिसता है पानी भी

बसना. प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना कहे जाने वाले नरवा, गुरुवा, घुरवा बारी योजना ब्लॉक में सिर्फ भ्रष्टाचार का उदाहरण बनकर रह गई है। इसका सबसे अच्छा उदाहरण ग्राम छोटेपटनी के 8 लाख रुपए की लागत से बने गोठान में आकर देखा जा सकता है। भास्कर संवाददाता जब गोठान का निरीक्षण पहुंचे तो देखा कि गोठान में ताला लगा हुआ है। वहीं गोठान में हरियाली के लिए लगाए गए पौधे पानी नहीं मिलने के कारण सूख गए हैं। पशुओं के पीने के बनाया गया पानी टंकी गुणवत्ताहीन के कारण टूटने की कगार पर पहुंच चुकी है। गोठान में एक भी जानवर नहीं था। छोटेपटनी के गोठन से कुछ ही दूर पर एक चारागाह बनाना है लेकिन अभी तक कुछ भी नहीं बन पाया है। चारागाह में बस एक बोर खनन कर छोड़ दिया गया है। वहां ना तो घेरा किया गया है और न ही चारा लगाया जा रहा है। ग्रामीण निराधन रात्रे ने बताया कि मेरे पास 20 गाय और बछड़े हैं। मेरे अन्य साथियों के पास भी 10-15 जानवर हैं लेकिन गोठान से बस गोबर बेचने के अलावा और कुछ भी फायदा नही मिल पा रहा है। गोठान में पशुओं को पानी पिलाने के लिए लाते हैं तो गोठान में ताला लगा रहता है। गोठान समिति द्वारा पशुओं को गोठान के अंदर पानी पिलाने ले जाने के लिए मना है। इसका कारण गो धन पालने वाले ग्रामीण नाला या तालाब में पानी पिलाते हैं। पशुओं के लिए बनाए गए पानी टंकियों में पानी के जगह गोबर के अवशेष पड़े हुए थे। टंकियों में गोबर खरीदे गए बोरियों को धोया जाता है। जिन टंकियों में पशुओं को पानी पिलाया जाना है उन टंकियों का उपयोग बोरियों को धोने में लगाया जा रहा है। गोठान में पशुओं के बैठने के लिए 2-3 चबूतरा निर्माण किया जा रहा है, जो पिछले दो साल से अधूरा पड़ा है। नहीं बनने के कारण उसमें भी दरारें आ चुकी है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि गोठान में भारी गुणवत्ता हीन समानों का उपयोग किया गया है, जिसके कारण कई पानी और चबूतरे में दरारें आ चुकी है।

बारिश में निर्माण के कारण चबूतरे में आईं दरारें
बसना के कार्यक्रम अधिकारी प्रेमचंद बंजारे ने मामले में कहा कि गोठान में क्या-क्या खराबी है, इसे देखकर ठीक किया जाएगा। चारागाह के लिए अभी पूरा रकम नही निकला है। आते ही चारागाह का भी निर्माण करवाया जाएगा। वहीं पंचायत सचिव मनोहर बंजारा ने कहा कि पशुओं को गोठानों में क्यो घुसने नही दिया जा रहा ये गोठान समिति ही जानेंगे। बरसात के दिनों में गोठान निर्माण करवाया गया है इसलिए चबूतरे में दरारें आ गई है। एक सप्ताह में सुधरवा दिया जाएगा।

जांच के बाद कार्रवाई
लोकपाल जितेंद्र साहू से चर्चा करने पर बताया कि योजना का मुख्य उद्देदय पशुुओ को लाभ पहुंचाना है। गोठान में अगर लापरवाही बरती गई है तो जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।

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