पिछले एक दो साल से नहीं बल्कि चीन जैविक हथियार बनाने में पिछले काफी सालों से लगा हुआ है, लगभग 2005 से चीन इस तरह के बायो वेपन पर काम कर रहा है
‘दुनिया में होने वाली मौते चीन के बायोलॉजिकल वेपन से हो रही है, ये कोरोना वायरस नही दुनिया को खत्म करने के लिए चीन का हथियार है।’ ये कोई और नही कह रहा है, पहली बार टीवी पर चीन की साइंटिस्ट ने इस सबसे बड़े सच का खुलासा किया है।’
चीनी वैग्यानिक को जान का खतरा है, इसलिए वो चीन छोड़ चुकी हैं। चीन की महिला साइंटिस्ट और वायरोलॉजिस्ट डॉ. ली-मेंग यान का कहना है कि कोरोना वायरस के पीछे सिर्फ और सिर्फ चीन का ही हाथ है, जिसके जरिये चीन ने दुनिया में सबसे बड़ी जंग का आगाज कर दिया है।
पिछले एक दो साल से नहीं बल्कि चीन जैविक हथियार बनाने में पिछले काफी सालों से लगा हुआ है, लगभग 2005 से चीन इस तरह के बायो वेपन पर काम कर रहा है और दुनिया में कोहराम मचाने की पूरी प्लानिंग में लगा हैं। ऐसे में सवाल ये कि आखिर इस पूरी साजिश के पीछे चीन का मकसद क्या है, उसका प्लान क्या और चीन में वो कौन है जो इस पूरी साजिश को अमली जामा पहना रहा है, इसका जवाब है चीन की सत्ता में काबिज मौजूदा कम्यूनिस्ट सरकार।
यानी चीन की सरकार से लेकर चीन सेना तक जैविक हथियारों के इस खेल में हाथ काले कर चुके हैं, मकसद दुनिया की सबसे बड़ी ताकत बनना था, लेकिन एक बार फिर धोखेबाज़ चीन का पर्दाफाश हो चुका है।
कौन हैं डॉ. ली-मेंग यान?
- चीन की वैज्ञानिक और वायरोलॉजिस्ट
- हॉन्ग कॉन्ग स्कूल में काम कर रही हैं
- कोरोना पर सबसे पहले रिसर्च किया
- जानवरों से कोरोना नहीं फैलता
- वुहान लैब में कोरोना बनाने का दावा
- चीन का जैविक हथियार कोरोना
हालांकि चीन की लैब में काम कर चुकीं मशहूर वैज्ञानिक और वायरोलॉजिस्ट डॉ. ली-मेंग यान का दावा है कि कोरोना वायरस ना तो किसी जानवर से ना ही चमगादड़ से फैला है, इस वायरस के पीछे सिर्फ और सिर्फ चीन का ही हाथ है, जिसे वुहान की एक लैब में बैठ कर बनाया गया है।
ली मेंग का ये दावा कोई पहली बार नहीं सामने आया है। इससे पहले भी जब कोरोना की शुरुआत हुई थी और कोरोना दुनियाभर में कोहराम मचा रहा था तब ली मेंग ने चीन की सरकार पर कोरोना फैलाने और उसे जैविक हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था।