छत्तीसगढ़ में कोरोना के भय से नक्सलियों में भगदड़, नक्सल संगठन में दो फाड़, कई नक्सली आत्मसमर्पण के फिराक में
फाड़ होने की सूचनाएं मिल रही हैं। निचले कैडर के नक्सल लड़ाके चाहते हैं कि अभी युद्धविराम कर कोरोना से बचने के उपाय किए जाएं। हालांकि, जोनल कमेटी के नक्सल नेता कोरोना से मर रहे साथियों को छोड़कर फोर्स पर हमले की रणनीति बनाने में जुटे हैं।
दंतेवाड़ा एसपी डाॅ. अभिषेक पल्लव ने बताया कि नक्सली नेता रोज अपने लड़ाकों की बैठक ले रहे हैं। इसके लिए उन पर दबाव डाला जा रहा है। बीमार होने के बावजूद उन्हें बैठक में आने को कहा जा रहा है। उन्हें न मास्क दिया जा रहा न सैनिटाइजर। नेताओं की हरकत से परेशान कई नक्सली इस फिराक में हैं कि मौका मिले तो भागकर पुलिस के पास चले जाएं। पुलिस के पास जाने पर कम से कम जान तो बच जाएगी।
कोरोना से संक्रमित नक्सल जोड़े ने पुलिस की ली शरण
गत गुरुवार को ही कांकेर जिले में एक नक्सल जोड़े ने पुलिस की शरण ली थी। यह दोनों पति-पत्नी कोरोना से संक्रमित थे। उन्होंने आत्मसमर्पण की गुहार लगाई पर उनकी हालत को देखते हुए आइजी सुंदरराज पी ने आदेश दिया कि पहले उनका उपचार कराया जाए। आत्मसर्मपण की औपचारिकता तब पूरी कर लेंगे जब वह स्वस्थ हो जाएंगे। गुरुवार को ही कवर्धा जिले में दो नक्सली गिरफ्तार किए गए थे। यह दोनों भी कोरोना संक्रमित हैं। कुछ दिनों पहले नारायणपुर पुलिस ने दो नक्सलियों को गिरफ्तार किया था। वह दोनों कोरोना संक्रमित मिले थे। सूत्र बता रहे कि नक्सलियों की दरभा डिवीजन, दक्षिण बस्तर डिवीजन व पश्चिम बस्तर डिवीजन में दर्जनों नक्सली कोरोना पीड़ित हैं। संक्रमण तेजी से फैल रहा है और उपचार का कोई इंतजाम नहीं है।
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव और कुंभ से नहीं फैली महामारी।
बस्तर के आइजी सुंदरराज पी ने बताया कि कोरोना आपदा को भुनाने के लिए फोर्स ने रणनीति बना ली है। इसके तहत बीमार नक्सलियों का समर्पण कराने के लिए उनके स्वजन को प्रेरित करने, उनका सप्लाई नेटवर्क तोड़ने व उनके ठिकानों पर छापा मारकर उन्हें गिरफ्तार करने की योजना है। गंगालूर एरिया कमेटी से माड़ा, बटालियन के सेक्शन कमांडर बुधराम व विमला, गंगालूर प्लाटून से रितेश व जोगा, दरभा डिवीजन से नागेश, सुमित्रा, अनिता, कोंटा प्लाटून से रितेश आदि कई नक्सली संगठन छोड़कर भाग गए हैं। पुलिस इनसे संपर्क का प्रयास कर रही है।