पहलवान सागर धनखड़ मर्डर केस में ओलंपियन सुशील कुमार को आखिरकार गिरफ्तार कर लिया गया है। दिल्ली पुलिस ने स्पेशल सेल ने यह गिरफ्तारी की है। दिल्ली से सुशील कुमार के साथ ही उनके करीबी साधी अजय को भी पकड़ लिया गया है। इससे पहले शनिवार को दिल्ली पुलिस की करीब 15 टीमों ने पंजाब के अलग- अलग इलाके में छापेमारी की थी। अधिकारियों को पता चला था कि सुशील कुमार का मोबाइल फोन बठिंडा व मोहाली के आस पास सक्रिय है, इसे देखते हुए तीन दिन से दिल्ली पुलिस की टीम स्थानीय पुलिस के सहयोग से वहां हर संभावित ठिकाने पर छापेमारी कर रही है।
शनिवार शाम पुलिस को मोहाली में एक स्थान पर सुशील और उसके खास अजय सहरावत के छिपे होने की सूचना मिली, लेकिन पुलिस टीम के वहां पहुंचने से पहले ही दोनों फरार हो गए थे। इस बीच, पंजाब में कुछ लोगों के ट्वीट से यह अफवाह फैल गई कि सुशील व अजय ने पंजाब पुलिस के समक्ष समर्पण कर दिया है और पंजाब पुलिस ने दोनों को दिल्ली पुलिस को सौंप दिया है। गिरफ्तारी संबंधी अफवाह पर यकीन कर दिल्ली पुलिस के कई अधिकारियों ने भी इसकी पुष्टि कर दी, बाद में गिरफ्तारी की बात अफवाह साबित हुई। दरअसल सुशील जिस सिम का इस्तेमाल कर रहा है वह बठिंडा के सुखप्रीत सिंह बरार के नाम पर है। शुक्रवार को दिल्ली पुलिस ने जब सुखप्रीत के घर पहुंचकर उससे पूछताछ की, तब पता चला कि उसने अपने नाम पर सिम लेकर ममेरे भाई अमन के जरिये उस सिम को कुछ दिन पहले सुशील के पास भिजवा दिया था। अमन के घर तलाशी लेने पर वह नहीं मिला। पुलिस सुखप्रीत को अभी गिरफ्तार नहीं किया है।
पांच मई की सुबह से सुशील व हत्या में शामिल सभी आरोपित फरार हैं। पुलिस ने उसके और छह अन्य के खिलाफ 15 मई को गैर जमानती वारंट भी हासिल कर लिया था। सुशील पर एक लाख व अजय पर 50 हजार रुपये का ईनाम भी घोषित किया हुआ है। साथ ही सुशील का पासपोर्ट जब्त कर लिया गया है। पुलिस पहले कई दिनों तक सुशील को दबोचने के लिए दिल्ली के विभिन्न सथानों के साथ ही उत्तराखंड व हरियाणा के बहादुरगढ़ में दबिश की कार्रवाई करती रही लेकिन वह नहीं मिला। अब उसके पंजाब में होने की संभावना पर पुलिस वहीं डटी हुई है। सुशील व अन्य की गिरफ्तारी पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई है। बताया जाता है कि वह हरियाणा व दिल्ली पुलिस के कई अधिकारियों के संपर्क में भी है। वे उन्हें छिपने के तरीके बता रहे हैं।