नई दिल्ली। योगगुरु बाबा रामदेव और आइएमए के बीच चल रहा विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। ऐसे में उत्तराखंड के निजी व सरकारी चिकित्सक बाबा की गिरफ्तारी की मांग को लेकर एक जून को काला दिवस मनाएंगे। इस दौरान वह काली पट्टी बांधकर काम करेंगे। सरकारी एवं निजी मेडिकल कालेजों के छात्र भी इस आंदोलन में शामिल होंगे। इधर, प्रांतीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संघ ने स्वास्थ्य कर्मियों से पतंजलि के सभी उत्पादों के बहिष्कार और अपने नाते-रिश्तेदारों को भी इस ओर प्रेरित करने की अपील की है। इसके अलावा झारखंड और गुजरात में भी डाक्टर बाबा के खिलाफ एकजुट होने लगे हैं।
बता दें कि बाबा रामदेव के खिलाफ आइएमए की उत्तराखंड शाखा पहले ही एक हजार करोड़ की मानहानि का नोटिस भेज चुकी है। वहीं, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बाबा के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की भी मांग की जा रही है। वहीं, अब रेजिडेंट डाक्टरों के सबसे बड़े संगठन फेडरेशन आफ रेजिडेंट डाक्टर्स एसोसिएशन इंडिया (फोर्डा) ने एक जून (आज) को काला दिवस मनाने का एलान किया है।
आइएमए के प्रदेश महासचिव डा. अजय खन्ना ने कहा कि मेडिकल कालेजों के छात्र और रेजिडेंट डाक्टर इस आंदोलन में शामिल हैं। डा. खन्ना के अनुसार, सरकार की शह पर बाबा रामदेव लगातार चिकित्सकों का अपमान कर रहे हैं।
गुजरात और झारखंड में भी डाक्टर लामबंद
आइएमए रांची की ओर से सोमवार को कहा गया कि वह बाबा रामदेव को लीगल नोटिस भेजेगी। वहीं, गुजरात में भी डाक्टरों का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रमुख संगठनों ने सोमवार को अहमदाबाद पुलिस से योग गुरु के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की।
हम एलोपैथी के खिलाफ नहीं
वहीं, योगगुरु बाबा रामदेव का कहना है कि हमारा अभियान एलोपैथी या एलोपैथिक चिकित्सकों के खिलाफ नहीं है। हमारा अभियान उन ड्रग माफियाओं के खिलाफ है, जो दो रुपये की दवा को दो हजार रुपये की बेचते हैं। ड्रग माफिया के खिलाफ यह अभियान जारी रहेगा। आयुर्वेद को उपेक्षित और अपमानित करने के किसी भी प्रयास को सहन नहीं किया जाएगा।