बीजापुर। जिले के कुटरु थाना क्षेत्र के दरभा गांव में पुलिस कैंप खुलने से ग्रामीणों में खुशी का माहौल है. गांव वाले जवानों के संग पारंपरिक गीत पर जमकर नृत्य किया. साथ में खाना भी खाया. इस दौरान लोग बेहद खुश नजर आए.
दरअसल, कुटरू थाने से दरभा की दूरी लगभग 9 किमी है. गांव की आबादी लगभग 800 है. दरभा गांव बहुत ज्यादा नक्सल प्रभावित थे. विशेष रूप से युवा प्रभावित थे. पहले गांव के लोग पुलिस देखकर भाग जाते थे. पास नहीं आते थे. अब जब पुलिस खुद उनके पास गई तो वे उनसे अच्छे से परिचित हुए. वे लोग अब खुश है और पुलिस के साथ घुल मिल गए हैं.
जानकारी के मुताबिक, मंगलवार को पुलिस ने ग्रामीणों के साथ बैठक की और उन्हें खाना खिलाया. इस दौरान जवान ग्रामीणों की समस्या से अवगत भी हुए.एसडीओपी कुटुरु शेर बहादुर सिंह ने बताया कि ‘गांव में पुलिस कैम्प खुलने से ग्रामीणों में खुशी की लहर है. जो लोग पहले पुलिस को देखकर भागते थे वो आज उनके साथ खड़े हैं. लोग कैम्प खुलने के बाद अपने आप को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं. गांव में कैम्प के खुलने से आदिवासियों को कोई भी दिक्कत नहीं है, जो भी कैम्प का विरोध प्रदर्शन होता है वो सिर्फ नक्सलियों के दबाव के चलते होता है. पुलिस आम लोगों के मदद के लिए ही है. यही वजह है कि ग्रामीण आज हमारे साथ खड़े हैं’.
बता दें कि बस्तर के सिलगेर में पुलिस कैंप खुलने से ग्रामीणों आंदोलन कर रहे हैं. वहीं पुलिस इसे नक्सलियों की बौखलाहट बता रहे हैं. उनका कहना है कि कैंप खुलने से नक्सली की जंगल में पकड़ कम हो जाएगी. अपने खातमे से भयभीत होकर अब वे ग्रामीणों का सहारा ले रहे हैं. उनको भड़का विरोध करा रहे हैं. इसी विरोध प्रदर्शन के बीच 17 मई को सिलगेर पुलिस कैंप पर नक्सलियों ने हमला बोल दिया था.
इस दौरान फायरिंग में 3 लोगों की मौत हो गई थी. ग्रामीणों ने पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए थे. ग्रामीणों के मुताबिक, पुलिस की फायरिंग में 3 लोगों की मौत हुई थी. इस गोलीबारी में 15-20 ग्रामीण घायल हुए थे, जबकि 4 लोगों की हालत नाजुक थी. पुलिस के पास 3 डेड बॉडी थे. अब इसे लेकर विवाद जारी है. इसी को लेकर जांच टीम बनाई गई है.