रायपुर. भाजपा सरकार के कार्यकाल में चलकर 2017 में बंद हुई लोगों को मकान बनाकर देने की अटल विहार योजना के मुकाबले छत्तीसगढ़ सरकार इसी साल पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम से ऐसी ही योजना लांच कर दी है। इस योजना में अगले ढाई साल में गरीबों व मध्यम वर्ग के लोगों को बड़ी संख्या में मकान बनाकर दिए जाएंगे। इसके लिए छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड ने प्रदेश के सभी जिलों में 1181 एकड़ जमीन चिन्हित की है।
सबसे ज्यादा मकान रायपुर में बनाए जाएंगे। दरअसल भाजपा सरकार ने अटल विहार योजना शुरु की थी जो 2017 में खत्म हो गई। इसके बाद इस योजना को लेकर तत्कालीन सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया। राज्य में नई सरकार बनने के बाद सरकार ने पूर्व पीएम अटल विहारी बाजपेयी के स्थान पर कांग्रेस सरकार ने पूर्व पीएम राजीव गांधी के नाम पर नई योजना को लांच कर दी। नई योजना को नई शर्तों एवं प्रावधानों के साथ लांच किया गया है। इसी साल फरवरी में कैबिनेट ने इसे मंजूर किया था। इसकी प्रक्रिया अब तेज हुई है और हाउसिंग बोर्ड जमीन की डिमांड सभी कलेक्टरों को भेज दी है।
जैसे-जैसे कलेक्टर जमीन उपलब्ध करवाते जाएंगे।संबंधित जिले में मकानों का निर्माण शुरू होने लगेगा। दरअसल भूपेश सरकार 17 जून को ढाई साल पूरा करने जा रही है। सरकार की कोशिश होगी कि अगले दो से ढाई साल में गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को छत मिल जाए। हालांकि, लॉकडाउन लगने के कारण योजना की रफ्तार धीमी पड़ गई थी, लेकिन अब जबकि सभी दफ्तर खुल चुके हैं, योजना को पूरा करने के लिए अमला सक्रिय हो गया है। यह योजना अगले चुनाव से पहले पूरी करने का भी लक्ष्य है।
सर्वाधिक मकान रायपुर में
प्रदेश में सबसे ज्यादा मकान रायपुर में बनाए जाएंगे। राजधानी में लगभग ढाई करोड़ वर्गफीट में जमीन एक्वायर कर मकान बनाए जाएंगे। जांजगीर चांपा में 30 लाख वर्गफीट, सरगुजा में लगभग 27 लाख वर्ग फीट एरिया में मकान बनाने का लक्ष्य है। इसी तरह गरियाबंद, बेमेतरा, बलरामपुर, बिलासपुर, बालोद, बीजापुर, धमतरी और मुंगेली में 80 हजार से 26 लाख वर्गफीट से ज्यादा एरिया में मकान बनाए जाएंगे।
मोवा में 15 एकड़ जमीन
राजधानी में राजीव नगर आवास योजना के लिए हाउसिंग बोर्ड ने 565 एकड़ जमीन चिन्हित की है। इसमें मोवा के इलाके की 15 एकड़ जमीन है। हाउसिंग बोर्ड ने कलेक्टर के पास जमीन एक्वायर करने के लिए चिट्ठी भेज दी है। कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस योजना को लांच करते हुए प्रदेश में एक लाख मकान बनाने का लक्ष्य तय किया था। हाउसिंग बोर्ड को इसके लिए 1 रुपए वर्गफीट में जमीन दी जाएगी।
यहां इतनी जमीन की गई चिन्हित
रायपुर 565.33 एकड़, जांजगीर चांपा 69.87 एकड़, सरगुजा 61.80 एकड़, गरियाबंद 60.52 एकड़, बेमेतरा 55.32 एकड़, बलरामपुर 54.45 एकड़, बिलासपुर 51.29 एकड़, बालोद 30.83 एकड़, बीजापुर 26.51 एकड़, धमतरी 25 एकड़, मुंगेली 20 एकड़, दुर्ग 19.75 एकड़, महासमुंद 16.87 एकड़, राजनांदगांव 11.21 एकड़, सूरजपुर- जशपुर- रायगढ़- कोरबा- पेंड्रा गौरेला- बलौदा बाजार- कबीरधाम- सुकमा 10 एकड़, कोंडागांव 8.38 एकड़, बस्तर- कांकेर- दंतेवाड़ा- नारायणपुर 5 एकड़ और कोरिया 4.06 एकड़।
पूरे प्रदेश में राजीव नगर आवास योजना के तहत मकान बनाए जाने हैं। सभी जिलों में जमीन चिन्हित कर ली गई है और संबंधित कलेक्टर के पास आवेदन भी लगा दिया गया है। जैसे- जैसे जमीन मिलता जाएगा, मकानों का निर्माण भी होता जाएगा।
– कुलदीप जुनेजा, चेयरमैन, छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड
अटल विहार योजना की समयावधि 2017 में पूरी हो गई थी। चार साल बाद गरीब एवं मध्यम वर्गीय परिवार के लिए नए शर्तों एवं प्रावधानों के साथ राजीव नगर योजना लांच की गई है। इसमें मकानों को फ्री होल्ड कराने की सुविधा के साथ ही ड्राइंग डिज़ाइन में बदलाव करते हुए मकानों में सीढ़ी का भी प्रावधान किया गया है। सभी जिलों के कलेक्टर के पास भूमि के लिए आवेदन कर दिया गया है। भूमि मिलते ही मकानों के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
– डॉ अय्याज तम्बोली, कमिश्नर, हाउसिंग बोर्ड।