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मस्जिद में कथित दुष्कर्म की घटना पर लोगों ने ज्वाला गुट्टा को किया ट्रोल, गोल्ड मेडलिस्ट ने कहा- हां मैं नास्तिक हूं

नई दिल्ली | मस्जिद में कथित दुष्कर्म की घटना पर लोगों ने ज्वाला गुट्टा को किया ट्रोल, गोल्ड मेडलिस्ट ने कहा- हां मैं नास्तिक हूं] ज्वाला गुट्टा कॉमनवेल्थ गेम्स 2010 में गोल्ड मेडल जीती थीं।

भारत की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी रहीं ज्वाला गुट्टा का विवादों से पुराना रिश्ता है। कभी ताजा तरीन मामलों पर अपने विचारों को रखने के कारण वो मुश्किलों में फंस जाती हैं तो कभी उनकी चुप्पी भी भारी पड़ जाती है। ज्वाला को ट्विटर पर यूजर्स ने एक बार फिर से ट्रोल कर दिया है। इस मामला है एक मस्जिद में कथित दुष्कर्म का। ज्वाला ने इस मामले में कुछ नहीं कहा तो लोगों ने उन्हें टैग कर ट्रोल करना शुरू कर दिया। इस पर वो परेशान होकर ट्वीट करने पर मजबूर हो गईं।

ज्वाला नेकहा कि लोग उन्हें टैग कर रहे हैं। इसके बाद भी वो महिलाओं के खिलाफ हिंसा को लेकर आवाज उठाती रहेंगी। उन्होंने कहा कि वो एक नास्तिक है। ज्वाला ने ट्वीट किया, ‘‘ये सभी लोग जो मुझे एक मस्जिद की घटना के साथ टैग कर रहे हैं, जहां एक नाबालिग के साथ बलात्कार हुआ था, ये मुझे कुछ और इरादों से टैग कर रहे हैं। मैं हमेशा बलात्कार और महिलाओं के खिलाफ हिंसा की निंदा करूंगी। दोस्तों मैं एक नास्तिक हूं। नास्तिक।’’

कथित दुष्कर्म का ये मामला दिल्ली के हर्ष विहार का है। यहां एक व्यक्ति को मस्जिद के अंदर 10 साल की बच्ची के साथ यौन उत्पीड़न करने के मामले में गिरफ्तार किया गया है। परिजनों की शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। हालांकि, ज्वाला के ट्रोल होने का कारण ये नहीं है। दरअसल, अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने एक बार मंदिर में कथित बलात्कार की खबर को ट्विटर पर पोस्ट किया था। उस पर ज्वाला ने कहा था- अभी भक्त कहां हैं। अब लोग उन्हें उसी ट्वीट को याद दिलाकर ट्रोल कर रहे हैं।

ज्वाला इससे पहले भी कई चीजों को लेकर खबरों में रही हैं। नॉर्थ-ईस्ट से होने के कारण उन पर नस्लीय टिप्पणी भी की गई है। यहां तक कि लोगों ने ज्वाला को ‘हाफ कोरोना’ और ‘चाइना का माल’ तक कहा है। ज्वाला ने एक बार अपने दर्द को बयां करते हुए कहा था, ‘‘भारत का प्रतिनिधित्व करना मेरे और मेरे परिवार के लिए बहुत ही गर्व की बात है। ऐसा कई बार हुआ है जब मैच जीतने पर मेरी प्रशंसा की जाती है लेकिन मेरे लिए कई बार चाइना का माल और एंटी नेशनल शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि मेरी मां चीन से हैं। मैं आज भी भारतीय हूं और मेरा परिवार भी। नकारात्मकता और घृणा फैलाना बंद करो।’’

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