छत्तीसगढ़ में दो महीनों में ही मनरेगा का सालभर के लक्ष्य का 25 प्रतिशत से अधिक काम पूरा
रायपुर, छत्तीसगढ़ चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) के अंतर्गत वन अधिकार पट्टाधारी परिवारों को 100 दिनों का रोजगार देने में देश में पहले स्थान पर है। वित्तीय वर्ष के शुुरुआती दो महीनों अप्रैल और मई में ही यहां वन अधिकार पट्टाधारी 1681 परिवारों को 100 दिनों का रोजगार दिया जा चुका है। राष्ट्रीय स्तर पर 100 दिनों का रोजगार प्राप्त वन अधिकार पट्टाधारी कुल परिवारों में अकेले छत्तीसगढ़ की भागीदारी 44 प्रतिशत से अधिक है।
पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव ने उम्मीद जताई कि प्रदेश विगत वर्षों की भांति मनरेगा के क्रियांवयन में इस साल भी देश के शीर्ष राज्यों में शामिल होगा। मनरेगा टीम और पंचायत प्रतिनिधियों को इसके लिए पूरे वर्ष भर जागरूकता और सक्रियता से काम करना होगा। प्रदेश में चालू वित्तीय वर्ष के पहले दो महीनों में तीन करोड़ 38 लाख 65 हजार मानव दिवस रोजगार का सृजन किया गया है। यह केंद्र सरकार द्वारा प्रदेश के लिए सालभर के लिए निर्धारित लक्ष्य 13 करोड़ 50 लाख मानव दिवस का 25 प्रतिशत से अधिक बताया जा रहा है।
मनरेगा में पिछले दो महीनों में 15 लाख 61 हजार परिवारों के 27 लाख 13 हजार श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। इनमें 18 हजार 132 दिव्यांग भी शामिल हैं। इस साल सर्वाधिक दिव्यांगों को रोजगार देने के मामले में छत्तीसगढ़ देश में चौथे स्थान पर है। वित्तीय वर्ष 2021-22 के पहले दो महीनों में ही प्रदेश के 2969 परिवारों ने 100 दिनों का रोजगार हासिल कर लिया है।