छत्तीसगढ़

एनआइटी रायपुर के रवि की वास्तुकला थीसिस को मिला देश के सर्वश्रेष्ठ 28 में स्थान

रायपुर।  राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआइटी) रायपुर के वास्तुकला विभाग के 2020 में पासआउट छात्र रवि कुमार वर्मा की थीसिस को देश के सर्वश्रेष्ठ 28 में स्थान मिला है। मुंबई स्थित भारत की प्रतिष्ठित वास्तुकला कंपनियों में से एक डाइसरिया एसोसिएट्स द्वारा देश भर से सम्मिलित 230 से अधिक प्रविष्टियों के बीच सर्वश्रेष्ठ 28 थीसिस में से एक के रूप में सम्मानित किया गया।

थीसिस का टापिक ‘एडापटिव रियूज आफ स्टोन क्वेरी” व थीसिस की थीम ‘वर्चुअल परसेप्शन इन आर्किटेक्चर” था। इस थीसिस को लिखने में एनआइटी के वास्तुकला विभाग के प्राध्यापक डा. विवेक अग्निहोत्री ने मार्गदर्शक की भूमिका निभाई।

रवि ने अपनी थीसिस में बताया कैसे करें खनन भूमि का उपयोग

रवि ने अपनी थीसिस में लाइमस्टोन खनन उद्योग के प्रतिकूल प्रभावों से परेशान भूमि का पुनर्वास करने के बारे में बताया है। भूमि को खनन करने के बाद खाली छोड़ दिया जाता है। हमारा छत्तीसगढ़ भी चुना पत्थर खनिज से समृद्ध राज्य है, इसलिए ये हमारे राज्य और हमारे नए शहर अटल नगर (नवा रायपुर) की प्रमुख चिंताओं में से एक है।

चूना पत्थर के खदानों को उनके अधिकतम उत्खनन के बाद खाली छोड़ दिया जा रहा है। इससे खतरनाक स्थान बनता जा रहा। ऐसे भूमियों के एक व्यस्थित संरचना और डिजाइन के तहत पुनर्निर्माण कर एक नए टिकाऊ भूमि के रूप में परिवर्तित कर अधिकांश चीजों को हल किया जा सकता है।

नवनिर्मित जगहों को हास्पिटैलिटी सेक्टर जैसे रिसार्ट्स, एडवेंचर जोन, आर्ट गैलरी, रेस्तरां आदि पर ध्यान केंद्रित करते हुए रचनात्मक हब में बदला जा सकता है ताकि पुनर्विकास की गई भूमि बहु-कार्यात्मक उपयोग की हो और समाज के अधिकांश लोगों के आवश्यकतानुसार सेवाएं प्रदान करने में सक्षम हो और ये एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण का केंद्र भी हो सकता है। थीसिस में वास्तुकला के विजुअल परसेप्शन पर भी जोर दिया गया है। जो ऐसे भूमियों में समग्र वास्तुशिल्प को बढ़ाने के लिए उपयोगकर्ता के मनोवैज्ञानिक पहलू से संबंधित है।

Patrika Look

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