कांकेर। जिले के भानुप्रतापपुर के कई गांवों में हाथियों से जान बचाने के लिए सैकड़ों ग्रामीण रात बिताने के लिए निर्माणाधीन जेल में शरण लेने मजबूर हैं। ग्रामीण जेल में बंद होकर रात बिताते हैं और सुबह होते ही अपने घर वापस चले जाते हैं। बता दें कि पिछले 01 महीने के भीतर हाथियों ने महासमुंद और जशपुर में 03 लोगों को कुचलकर मार डाला है। इसी भय से ग्रामीण निर्माणाधीन जेल में शरण लेने के लिए विवश हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इन दिनों भानुप्रतापपुर के जंगल में 20 हाथियों का दल विचरण कर रहा है। दिन होते ही हाथी पहाड़ी पर सो जाते हैं, और रात होते ही गांव में जमकर उत्पात मचाते हैं। जिसके डर के चलते सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण निर्माणाधीन जेल में शरण लेने जाते हैं, जेल में रात कटने के बाद सुबह अपने घरों को लौट जाते हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि इससे पहले हाथियों का ऐसा उत्पात कभी नही देखा। हाथियों के खौफ के चलते हमे 04 बजते ही खाना बनाकर बच्चों को लेकर गांवों से निकलकर निर्माणाधीन जेल में आना पड़ता है।