बिलासपुर। कार्यकारी चीफ जस्टिस प्रशांत मिश्रा व जस्टिस पीपी साहू की युगलपीठ ने राज्य सरकार के विधि अधिकारियों से चार अहम सवालों के जवाब मांगे। कोर्ट ने पूछा कि कोरोना की तीसरी लहर से बचाव की क्या तैयारी है? इसके लिए अब तक कितने लोगों का टीकाकरण हो गया है? कितने लोग अब भी शेष हैं? दूसरे डोज की क्या व्यवस्था है? चारों महत्वपूर्ण सवालों का महाधिवक्ता कार्यालय के विधि अधिकारी जवाब नहीं दे पाए। हाई कोर्ट की नाराजगी भी झलकी।
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के वकील शैलेंद्र दुबे ने जनहित याचिका दायर कर महाराष्ट्र व ओडिशा की तर्ज पर वैक्सीन आपूर्ति के लिए राज्य सरकार से ग्लोबल टेंडर बुलाने और अभियान चलाकर टीकाकरण की मांग की है। जनहित याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के दौरान युगलपीठ ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर टीकाकरण को लेकर कार्ययोजना व आगे की प्रक्रिया के संबंध में जानकारी मांगी थी।
गुरुवार को जनहित याचिका की सुनवाई युगलपीठ में हुई। कोर्ट ने बीती सुनवाई के दौरान जारी आदेश के संबंध में पालन प्रतिवेदन (स्टेटस रिपोर्ट) मांगी। युगलपीठ ने राज्य शासन की ओर से पैरवी कर रहे महाधिवक्ता कार्यालय के विधि अधिकारियों से सवाल-जवाब किए।
कोर्ट ने पूछा कि अब तक प्रदेश के कितने लोगों को पहला डोज का टीका लग गया है। कितने लोग अब भी पहले डोज के लिए शेष हैं। कोर्ट ने यह भी जानकारी मांगी कि दूसरे डोज वालों के लिए वैक्सीनेशन की क्या व्यवस्था है और सरकार की कार्ययोजना क्या है। हाई कोर्ट के तीनों सवालों का विधि अधिकारी जवाब नहीं दे पाए।
13 जुलाई को पेश करनी होगी रिपोर्ट
युगलपीठ ने राज्य शासन को टीककरण के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट 13 जुलाई तक पेश करने कहा है। हाई कोर्ट की सख्ती के बाद चिकित्सा अधिकारियों सहित प्रशासनिक अमले की सक्रियता भी बढ़ जाएगी। राज्य शासन को होमवर्क कर नियत तिथि में विस्तृत रिपोर्ट तैयार सौंपनी होगी।