क्राइमछत्तीसगढ़

रायपुर के बुजुर्ग के खाते से 20 लाख रुपए उड़ाए थे; जामताड़ा में लगती है देश को ठगने की क्लास, वहीं सीखकर हर नुस्खा लिख रखा था कॉपी में

इन ठगों को पुलिस ने झारखंड के जामताड़ा से गिरफ्तार किया।

रायपुर देश भर में लोग फ्रॉड फोन कॉल के झांसे में आकर अपने बैंक अकाउंट से लाखों रुपए गंवा बैठते हैं। हर दिन हर मिनट कहीं कोई इसी तरह की ठगी का शिकार होता है। इन वारदातों को अंजाम देने का गढ़ है झारखंड का जामताड़ा शहर। यहीं से इस ठगी की दुनिया ऑपरेट होती है। रायपुर की पुलिस ने गुरुवार को झारखंड के एक ऐसे ही गैंग के 3 लोगों को जामताड़ा से गिरफ्तार किया है। इन बदमाशों ने 10 जून को रायपुर के बुजुर्ग को फोन पर बात करते हुए ठगा। उनके खाते से पूरे 20 लाख रुपए उड़ा लिए थे।

ऐसे दिया था वारदात को अंजाम
पुलिस ने इस केस में जामताड़ा से 41 साल के सतीश दास को पकड़ा है। इसका साथ देने वाले कुंदन दास, और श्याम दास को धनबाद से पकड़ा गया। है। ठगी का मास्टर माइंड सतीश दास है। इन्होंने 10 जून को रायपुर के पंचधाम मंदिर के सामने टाटीबंध में रहने वाले रिटायर्ड इंजीनियर 73 साल के पारसनाथ को 90647-94285 नंबर से काॅल किया। खुद को SBI का कर्मचारी बताकर बुजुर्ग को ठगों ने KYC से जुड़ी पूछताछ की और एक मैसेज भेजा। दो घंटे तक फोन पर इस तरह बात करते रहे कि अगर उन्हें जानकारी नहीं दी गई तो खाता बंद हो जाएगा।

फोन रखते ही SBI की टाटीबंध ब्रांच से 50 से 60 ट्रांजेक्शन हुए और पूरे 20 लाख रुपए ठगों के खातों में ट्रांसफर हो गए। इतना ही सबकुछ सामान्य लगे इसलिए ठगों 98322-05973 नंबर से दोबारा बुजुर्ग को कॉल कर कहा कि किसी टेक्नीकल दिक्कत की वजह से रकम कटी है जो कि वापस खाते में आ जाएगी। मगर तब तक ठग अपना काम कर चुके थे। पुलिस के मुताबिक बुजुर्ग से ली गई बैंक डीटेल और उन्हें भेजे गए मैसेज के जरिए ठगों ने उनका अकाउंट हैक किया।

ठगों की कॉपी ,जिसमें लिखा है मास्टर प्लान
इस मामले की शिकायत मिलते ही पुलिस अपराध के पैटर्न से समझ गई कि हो न हो इस केस के पीछे जामताड़ा गैंग का ही हाथ होगा। थाना आमानाका के उपनिरीक्षक राणा सिंह ठाकुर के साथ सायबर सेल 9 पुलिस कर्मी जामताड़ा गए। वहां पता चला कि ठगों ने जिन खातों में पैसे ट्रांसफर करवाए उसमें दिए दस्तावेज किसी और के नाम पर थे। पुलिस को इस केस में कुंदन दास के शामिल होने की जानकारी मिली। टीम कुंदन तक पहुंची उसने बताया कि उसके दो साथी श्याम दास और सतीश दास के साथ मिलकर उसने ठगी की थी। वारदात का मास्टर माइंड सतीश दास है।

सतीश दास ने साल 2015 में ऑनलाइन ठगी की पूरी ट्रेनिंग ली है। जामताड़ा में बकायदा ठगों ने इसकी ट्रेनिंग उसे दी है। उसने अपनी एक कॉपी में बैंककर्मी बनकर लोगों से बात करने का तरीका लिख रखा है। रुपए हासिल करने के लिए बैंक अकाउंट और दूसरी डीटेल हासिल करना। बातों-बातों में खाते के मालिक को बैंक की कार्रवाई का डर दिखाना इस तरह की ट्रिक सब कुछ सतीश की कॉपी में है। इनका साथी श्याम दास दूसरों के दस्तावेज हासिल कर उनके नाम से बैंकों में खाता खुलवाता है। कुछ खाते के मालिकों को उनके खाते ठगी के माल को इधर से उधर करने में इस्तेमाल करने के बदले में उन्हें कमीशन भी दिया जाता है। ठग जिनके मोबाइल सिम का इस्तेमाल कर रहे थे वो भी किसी और के डॉक्यूमेंट पर जारी किए गए थे।

कई ATM कार्ड मिले और दर्जनों सिम
ठगों के पास से पुलिस को 9 नग ATM कार्ड, पासबुक, चेकबुक, अलग – अलग कंपनियों के 20 सिम कार्ड, 7 मोबाईल फोन और 6 हजार कैश मिले हैं। इन ठगों के खाते में कई लोगों से हड़पे ठगी के 6 लाख रुपए हैं। पुलिस ने इसे और इनके पास मौजूद 9 ATM कार्ड को फ्रीज करवा दिया है। इन्हें ट्रांजिट रिमांड पर रायपुर लाया गया है। पुलिस इनसे दूसरे केसेस के बारे में भी पूछताछ करेगी।

Patrika Look

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