रायपुर। महिला अपराध रोकने रायपुर के सरस्वती नगर पुलिस थाना परिसर में ‘संवेदना कक्ष’ खोला गया है। छत्तीसगढ़ में महिला संबंधी अपराध की शिकायतों का जल्द से जल्द निराकरण करने, महिलाओं के विरूद्ध हो रहे अपराधों में कमी लाने पर जोर दिया जाएगा।
सुरक्षा सुनिश्चित करने राज्य के सभी पुलिस अधीक्षकों को प्रत्येक पुलिस थाना परिसर में पृथक से संवेदना कक्ष का निर्माण कराने के पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर अमल होना शुरू हो गया है। गुरुवार सुबह रायपुर एसएसपी अजय यादव ने सरस्वती नगर पुलिस थाना परिसर नवनिर्मित संवेदना कक्ष का शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने थाना परिसर में पौधारोपण भी किया।
मासूम बच्चों का भी रखा जाएगा ख्याल
दरअसल, महिला संबंधी अपराधों पर त्वरित गति से कार्रवाई करने को लेकर पूरे प्रदेशभर के पुलिस थाना परिसर में संवेदना कक्ष का निर्माण किया जा रहा है। इसके लिए अलग से महिला पुलिस अधिकारियों की टीम बनाई गई है। यह टीम ही पीड़ित महिलाओं की शिकायतों को सुनकर उनकी समस्याओं का निदान करने का काम करेगी। यहीं नहीं पीड़ित महिलाओं के साथ थाने में आने वाले उनके मासूम बच्चों का ख्याल भी रखा जाएगा।
महिला पुलिस अधिकारी-कर्मचारी ही सुनेंगे समस्या
बच्चों के खेलने के लिए खिलौने समेत मनोरंजन के अन्य साधन उपलब्ध कराए गए है। एसएसपी अजय यादव ने बताया कि रायपुर जिले के प्रत्येक पुलिस थानों में संवदेना कक्ष का निर्माण कराया जा रहा है। महिलाओं पर घटित अपराधों को केवल महिला पुलिस अधिकारी-कर्मचारी ही सुनेंगे और त्वरित निराकरण करने की कोशिश करेंगे। ताकि पीड़ित महिला बेहिचक अपनी समस्याएं बता सकें।
ये रहे मौजूद
संवेदना कक्ष के शुभारंभ मौके पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर लखन पटले, नगर पुलिस अधीक्षक आजाद चौक अंकिता शर्मा, थाना प्रभारी सरस्वतीनगर गौतम गावड़े, थाना प्रभारी कबीरनगर गिरीश तिवारी, थाना प्रभारी आमानाका भरत बरेठ, थाना प्रभारी आजाद चौक सत्यप्रकाश तिवारी सहित थाने के अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
पहले होगी काउसिलिंग फिर एफआइआर
पुलिस थाने में किसी भी प्रकार की महिला संबंधी शिकायत प्राप्त होने पर संवेदना कक्ष में पीड़ित महिला को बैठाकर महिला पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा काउंसिलिंग किया जाएगा। अपराध का प्रकार गंभीर होने पर एफआइआर (प्रथम सूचना पत्र) दर्ज करने के साथ ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।